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Antilia bomb scare: सचिन वाजे को लेकर फडणवीस का उद्धव सरकार पर हमला, मनसुख हिरेन की हत्या को लेकर किया बड़ा दावा

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस अफसर सचिन वाजे की गिरफ्तारी और अंबानी के घर के सामने जिलेटिन रखने की घटना में बुधवार को बड़े खुलासे किए। उन्होंने कहा कि, “2018 में जब मैं मुख्यमंत्री था, तब उद्धव ठाकरे ने सचिन वाजे को नौकरी में वापस लेने के लिए फोन किया था।” फडणवीस ने बीजेपी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, “मुंबई में एंटीलिया के सामने जिलेटिन स्टिक से भरी एक कार पाई गई, उसके बाद जो घटनाएं घटी वो आप सभी के सामने हैं। जिस प्रकार से पुलिस महकमे से इस प्रकार की गाड़ी प्लांट की जाती हैं और उसके बाद की घटनाओं में इसमें सबसे बड़ी कड़ी मनसुख हिरन का जिस प्रकार से खून किया जाता है, ये सभी चीजें मुंबई और महाराष्ट्र के इतिहास में इससे पहले कभी नहीं हुई।”

उन्होंने कहा कि अगर रक्षा करने वाले इस प्रकार से अपराधी तत्व बन जाएं, तो सुरक्षा कौन करेगा ये सवाल है? फडणवीस ने कहा, “2018 में जिस समय मैं मुख्यमंत्री था उस समय शिवसेना की ओर से दबाव था कि एपीआई सचिन वाजे को फिर एक बार सरकार की सेवा में लिया जाए, पुलिस महकमे में लिया जाए।”

सचिन वाजे के इतने खराब रिकॉर्ड के बाद भी शिवसेना ने ऐसे समय इनको वापस लिया और वापस लेने के बाद इनको मुंबई क्राइम ब्रांच की सबसे महत्वपूर्ण यूनिट क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का प्रमुख बनाया गया। फडणवीस ने कहा कि सचिन वाजे को ऑपरेट करने सरकार में बैठे उनके आका कौन हैं, उसे ढूंढ कर निकालना होगा। एंटीलिया के पास जिलेटिन रखने का मकसद और मंशा जाननी चाहिए। कोई खास संदेश देने के लिए ऐसा किया गया।

पूर्व सीएम ने सचिन वाजे पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, “मनसुख को कहा गया कि गाड़ी को वहां छोड़ दो और चाबी हमें दे दो, सचिन वाजे ने गाड़ी ली और मनसुख को कहा कि कल जाकर शिकायत दर्ज करिए की गाड़ी चोरी हो गई है, वो जब कुर्ला पुलिश स्टेशन गए तो उनकी शिकायत दर्ज नहीं हो रही थी, तो वहां के ड्यूटी अफसर को सचिन वाजे का फोन आया जिसमें वाजे ने तुरंत रजिस्टर करने के लिए कहा और यह भी कहा कि रजिस्टर करने के बाद हमें जानकारी दीजिए।”

फडणवीस ने कहा, “सोची समझी साजिश के तहत मनसुख हिरन को किसी और ने इंटेरोगेट नहीं किया, तीनों दिन वाजे ही उनको इंटेरोगेशन कर रहे थे, उनको वाजे ने ही बताया कि तुम्हें और एजेंसी इंटेरोगेट कर सकती हैं, इसलिए एक शिकायत कर दो और अपने पहचाान के वकील के पास वो खुद मनसुख को लेकर गए और मनसुख से शिकायत करवा दी कि मुझे पुलिस के अलग अलग लोग बुलाते हैं, मुझे पुलिस से तकलीफ है और अपना भी नाम उसमें डलवा दिया, फिर वह सीएम को भेजा गृह मंत्री को भेजा”

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