News Room Post

Education Ministry Ends ‘No Detention Policy’ : 5वीं और 8वीं कक्षा के फेल स्टूडेंट्स को नहीं किया जाएगा प्रमोट, ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म

नई दिल्ली। 5वीं और 8वीं कक्षा के फेल स्टूडेंट्स को अब अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया है। हालांकि इन कक्षाओं में जो छात्र फेल होंगे उनको रिजल्ट के दो महीने के अंदर परीक्षा देने का एक और मौका दिया जाएगा। अगर इस परीक्षा में वो स्टूडेंट्स पास हो गए तो ही वो अगली कक्षा में जा सकेंगे, फेल होने पर उन्हें फिर से उसी कक्षा में पढ़ाई करनी पड़ेगी। प्रारंभिक शिक्षा में पढ़ाई के स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से सरकार ने यह फैसला लिया है।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>The Union Education Ministry has taken a big decision and abolished the &#39;No Detention Policy&#39;. <br><br>Students who fail the annual examination in classes 5 and 8 will be failed. Failed students will have a chance to retake the test within two months, but if they fail again, they will… <a href=”https://t.co/MK8MC1iJ0a”>pic.twitter.com/MK8MC1iJ0a</a></p>&mdash; DD News (@DDNewslive) <a href=”https://twitter.com/DDNewslive/status/1871131164406427837?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 23, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि भले ही फेल छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा मगर कोई भी स्कूल फेल छात्र को बाहर नहीं निकाल सकेगा। ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ का यह नियम केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित 3,000 से अधिक स्कूलों पर लागू होगा। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि 5वीं और 8वीं क्लास को बुनियादी शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में स्टूडेंट्स में सीखने की क्षमता में कमी ना आने पाए और उनके शैक्षणिक स्तर में सुधार हो सके इसीलिए ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ पर रोक लगा दी गई है।

इससे पहले शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन के बाद 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही अपने यहां ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया था। केंद्र सरकार का कहना है कि स्कूली शिक्षा के संबंध में राज्य अपना निर्णय ले सकते हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए के लिए समय-समय पर लगातार बदलाव और प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार छोटी क्लासों से ही शुरू होने तनाव से भी छात्रों को मुक्ति दिलाना चाहती है।

Exit mobile version