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Rajasthan Pension Fraud: फर्जी पेंशन लेने वालों का राजस्थान में भंडाफोड़, सरकार को लगाया 150 करोड़ से अधिक का चूना

rajasthan

जयपुर। राजस्थान में फर्जी पेंशन लेने से जुड़े एक बड़े फ्रॉड का पर्दाफाश हुआ है। राज्य में वृद्ध पेंशन के लिए 150 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हुए हैं। लेकिन इस पेंशन योजना में शामिल ऐसे लोगों की संख्या एक लाख से भी ज्यादा है, जो राजस्थान के निवासी नहीं हैं। तकरीबन 4 लाख लोगों का रिकॉर्ड फर्जीवाड़ा कर सरकार को 450 करोड़ की नुकसान पहुंचाया गया है। राजस्थान के विभाग ने इस गड़बड़ी को ऑडिट में पकड़ा है। इस खुलासे के बाद राज्य सरकार फ़ौरन एक्टिव हो गई है और जिन भी लोगों ने इस तरह से फर्जीवाड़ा किया है उनकी पेंशन को तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

ऐसे लोगों में से 10 हजार से ज्यादा लोगों की आयु 100 से अधिक है। विभाग ने इन सभी लोगों के पेंशन खातों की जांच शुरू की है। कई जिलों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लोग मृतक के नाम से पेंशन ले रहे हैं। कई महिलाएं भी विधवा के फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर दोहरी पेंशन ले रही हैं। चेक करने पर नकली आयु प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर और पता पाए गए हैं। अब इनकी जांच की जा रही है। अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, बस उनकी पेंशन रोक दी गई है।

अगर बात करें फर्जी पेंशन लेने वाले राजस्थान के जिलों की तो यहां दौसा, करौली, भरतपुर, अलवर और नागौर जिले सबसे ऊपर हैं जहां लोगों ने आयु संबंधी फर्जीवाड़ा करके पेंशन ले ली है। इन जिलों में दौसा में 13,955, करौली में 10,485, भरतपुर में 7,951, अलवर में 5,698 और नागौर में 4,898 लोगों ने इस तरीके से पेंशन लेने का गलत उपयोग किया है। वहीं, आय (इनकम) संबंधी गलत प्रमाण पत्र के मामलों में बूंदी, झालावाड़, जयपुर, बारां और हनुमानगढ़ जिलों के लोग शीर्ष पर हैं। इन जिलों में झालावाड़ में 5,852, बूंदी में 5,553, जयपुर में 4,091, बारां में 3,913 और हनुमानगढ़ में 3,751 लोगों ने गलत तरीके से पेंशन प्राप्त की।

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