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Farmers Protest: एक तरफ किसान आंदोलन, दूसरी तरफ सरकार ने लिया ऐसा फैसला कि लाखों किसानों को मिलेगा इसका लाभ

Union Minister Narendra Singh Tomar

नई दिल्ली। मोदी सरकार के कृषि सुधार कानूनों के विरोध में आंदोलन की राह पकड़े किसानों ने शुक्रवार को जहां भारत बंद का आयोजन किया, वहीं केंद्र सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की अनेक परियोनाओं को मंजूरी दी। सरकार का कहना है इन परियोजनाओं का लाभ किसानों को ही मिलेगा। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की करीब 45 परियोजनाओं को मंजूरी दी। तोमर ने कहा कि इन परियोजनाओं से लाखों किसानों को लाभ मिलेगा।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति की बैठक में किसान संपदा योजना के अतंर्गत मेगा फूड पार्क योजना के तहत दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से करीब 10,000 लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और 50,000 किसान इनसे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे।

अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति की बैठक में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के अतंर्गत, कोल्ड चेन स्कीम के तहत 39 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन परियोजनों से करीब 25,000 लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और करीब 4 लाख किसानों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त होगा।

पीएम किसान संपदा योजना के अंतर्गत, घटक स्कीम कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर के लिए अवसंरचना सृजन स्कीम (एपीसी) के तहत तीन प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई, जिनसे ये क्लस्टर आधिक्य उत्पाद की बर्बादी को कम करने में मदद मिलेगी और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, स्थानीय स्तर पर रोजगार में वृद्धि होगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं में निजी निवेश आएगा एवं लगभग ढाई हजार लोगों के लिए रोजगार पैदा होंगे और 12 हजार किसान लाभान्वित होंगे।

अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति की एक अन्य बैठक में पीएम किसान संपदा योजना में बैकवर्ड-फॉरवर्ड लिंकेज योजना के तहत भी एक प्रोजेक्ट को मंजूर दी गई है। मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इससे दो सौ से ज्यादा लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और लगभग एक हजार किसानों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा।

इन बैठकों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे, जबकि परियोजनाओं के प्रमोटर्स वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े थे।

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