नई दिल्ली: एक साल से अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन के खत्म होने के आसार है। सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर चल रहा है। सरकार ने किसानों के पास एक प्रस्ताव भेजा था। जिसमें किसानों की कुछ मांगी गई थी तो कुछ बातों पर बात करना बाकी था। ऐसे में किसान नेताओं ने आज बैठक की और इस मसौदे पर चर्चा की। हालांकि कृषि के मुद्दो को लेकर सिंघु बॉर्डर पर हुई किसानों की बैठक खत्म हो गई और संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के दौरान केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को जवाब दिया है। जिसमें किसानों की अधिक्तर मांगो को मान लिया गया है।
हालांकि किसानों ने सरकार से कुछ स्पष्टीकरण मांगा है। आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा की बुधवार दोपहर 2 बजे एक बार फिर बैठक की जाएगी। साथ ही सरकार से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के बाद आंदोलन पर कुछ फैसला लिया जाएगा। किसान नेता युद्धवीर सिंह ने बताया कि, केंद्र सरकार की तरफ से प्रस्ताव आया है, जिसपर हमारी चर्चा हुई और मोर्चे की बैठक में उसे रखा गया। वहीं कई घंटों की बैठक के बाद कुछ किसानों को लगा कि इसमें कुछ स्पष्टीकरण चाहिए।
सरकार से उम्मीद है कि कल तक हमारे कुछ सवालों का जवाब आएगा। उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। हमने सभी बिंदु को नोट कर लिया है। किसान इस बात से खुश हैं कि आखिरकार सरकार ने लिखित प्रस्ताव भेज बात की। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले कुछ ही दिनों में किसान आंदोलन खत्म हो सकता है और किसान वापस अपने खेतों की ओर लौट जायेंगे!
आपको बता दें कि एक साल तक चले किसान आंदोलन के बाद पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून को वापस लेने की बात कही थी। संसद सत्र के पहले ही दिन तीनों कृषि कानून सदन में वापस ले लिया गया। हालांकि किसानों ने अपनी कुछ अन्य मागों को लेकर प्रदर्शन जारी रखा है। हालांकि उम्मीद है कि चल रही बातचीत के बाद जल्द ही कुछ फैसला हो जायेगा।