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J&K: रोशनी जमीन घोटाले में बड़ा खुलासा, पूर्व CM फारूक अब्दुल्ला का सामने आया नाम

Roshni land scam: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के रोशनी जमीन घोटाले (Roshni Land Scam) में मंगलवार को एक और बड़ा खुलासा हुआ है। 25 हजार करोड़ के इस जमीन घोटाले में कई पार्टी के बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों के शामिल होने की जानकारी सामने आई है।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के रोशनी जमीन घोटाले (Roshni Land Scam) में मंगलवार को एक और बड़ा खुलासा हुआ है। 25 हजार करोड़ के इस जमीन घोटाले में कई पार्टी के बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों के शामिल होने की जानकारी सामने आई है। इसी बीच अब इस घोटाले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) पर सरकारी जमीन हड़पने का आरोप लगा है। यह मामला जम्मू के सुजवां का जहां आरोपों के मुताबिक रोशनी एक्ट के तहत फारुक अब्दुल्ला ने तीन कनाल जमीन खरीदी लेकिन बगल की सात कनाल जमीन पर कब्जा कर लिया।

25 हज़ार करोड़ के रोशनी जमीन घोटाले में पूर्व सीएम अब्दुल्ला पर 10 करोड़ की सरकारी जमीन हड़पने का आरोप लगा है। यह मामला जम्मू के सुजवां में जंगल की जमीन पर कब्जे का है। आरोपों के मुताबिक फारुक अब्दुल्ला ने सुजवां में 3 कनाल जमीन खरीदी 3 कनाल का पजेशन लेने के बजाय 7 कनाल की जमीन पर कब्जा कर लिया।

वहीं अब इस मामले में फारूक अब्दुल्ला ने सफाई दी है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि मुझ पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि इलाके में सिर्फ मेरा ही घर नहीं है बल्कि सैकड़ों घर हैं। उन्होंने कहा कि ये मुझे परेशान करने की कोशिश है, उन्हें करने दीजिए।

जानिए क्या है रोशनी घोटाला

बता दें कि जम्मू-कश्मीर सरकार के ‘रोशनी एक्ट’ के तहत सरकारी जमीनों की खूब बंदरबांट हुई। जम्मू-कश्मीर में साल 2001 में नेशनल कांफ्रेंस सरकार ने रोशनी एक्ट बनाया। इस एक्ट के तहत, राज्य सरकार ने बेहद मामूली कीमत पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वाले लोगों को उसी जमीन पर स्थायी कब्जा देने की बात कही।

एक्ट का प्रावधान था कि उन्हीं लोगों को जमीन का मालिकाना हक मिलेगा, जिनके पास 1999 से पहले से सरकारी जमीनों पर कब्जा है। वर्ष 2004 में इस एक्ट में बदलाव कर वर्ष 1999 से पहले कब्जे की शर्त हटा दी गई।

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