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Jammu-Kashmir: कश्मीर पहुंचने के बाद PM मोदी के साथ मीटिंग को लेकर फारूक और उमर अब्दुल्ला ने दिया बड़ा बयान

Jammu-Kashmir: इस दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, PM से मुलाकात बहुत अच्छी रही। सभी पार्टियों ने अपनी बात उनके सामने रखा। उनकी तरफ से ये पहला कदम था कि किसी भी तरीके से जम्मू-कश्मीर के हालात बेहतर बनाए जाएं और एक सियासी दौर शुरू किया जाए। जब तक मैं अपनी जमात से बात नहीं कर लेता कुछ कह नहीं सकता।

Farooq Abdullah and Omar Abdullah

नई दिल्ली। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में राजधानी दिल्ली में जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को लेकर एक महाबैठक हुई। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के तमान नेता मौजूद रहे। वहीं इसमें जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भाग लिया। इस बीच पीएम मोदी के साथ कश्मीर के नेताओं की मीटिंग के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष  फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने शनिवार को श्रीनगर में मीडिया से बातचीत की।

इस दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, PM से मुलाकात बहुत अच्छी रही। सभी पार्टियों ने अपनी बात उनके सामने रखा। उनकी तरफ से ये पहला कदम था कि किसी भी तरीके से जम्मू-कश्मीर के हालात बेहतर बनाए जाएं और एक सियासी दौर शुरू किया जाए। जब तक मैं अपनी जमात से बात नहीं कर लेता कुछ कह नहीं सकता।

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, हमें वहां अलायंस के तौर पर नहीं बुलाया गया था। अगर बुलाया गया होता तो अलायंस की तरफ से एक को ही बुलाया गया होता। वहां पार्टीयों को दावत दी गई। गुपकार अलायंस के सदस्यों ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में हमने कोई ऐसी बात नहीं की जो अलायंस के एजेंडा के बाहर हो। उन्होंने कहा, वहां किसी ने प्रधानमंत्री से नहीं कहा कि हम 5 अगस्त कबूल करते हैं। हमने कहा कि हम इससे नाराज हैं। PM से महबूबा मुफ्ती और फारुख अब्दुल्ला ने साफ कहा कि BJP को 370 हटाने का एजेंडा कामयाब कराने में 70 साल लगे। हमें 70 महीने लगेंगे तो भी हम अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, गुलाम नबी आजाद ने हम सबकी तरफ से वहां बात की और कहा कि हम ये टाइमलाइन नहीं मानते हैं। डिलिमिटेशेन, चुनाव और राज्य का दर्जा नहीं। पहले डिलिमिटेशन फिर राज्य का दर्जा फिर चुनाव। चुनाव कराना ही है तो पहले राज्य का दर्जा लौटा दीजिए। उसके बाद हम चुनाव पर बात करेंगे।

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