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जनरल बिपिन रावत के निधन पर ठहाके लगाने वालों से दुखी फ़िल्म निर्माता अपनाएंगे हिन्दू धर्म

gen bipin rawat

नई दिल्ली। सोचकर ही हैरानी होती है कि आखिर ऐसी विकृत मानसिकता वाले लोग हमारे समाज में कहां से आ गए हैं। आखिर ये कौन लोग हैं, जो हर मसले को मजहबी लबादा पहनाकर समाज को विभाजित करने या एकपक्षीय करने का काम करते हैं। आखिर ये लोग कौन सी विचारधारा के तहत खुद को पोषित करते हैं कि आगे चलकर ये लोग विभाजक का किरदार निभाने में मशगूल हो जाते हैं। ये कुछ ऐसे तीखे सवाल हैं जो अभी खासा सुर्खियों में हैं और हैरानी की बात यह है कि यह सवाल दिवगंत हो चुके सीडीएस जनरल बिपिन रावत के संदर्भ में पूछे जा रहे हैं। सोचकर हैरानी होती है कि कभी ऐसा मंजर भी आएगा जब हमें अपने वीर सपूत के खोने के बाद ऐसे सवालों को उठाने पड़ेगा। लेकिन ऐसे लोगों ने हमें इन सवालों को उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। जनरल बिपिन रावत हमारे बीच अब नहीं रहे।

कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में  बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 अन्य शीर्ष सैन्य  अधिकारियों की मौत हो गई, जिसे लेकर पूरे देश में मातम पसरा हुआ है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारे ही देश में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो बिपिन रावत समेत अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत पर जश्न मना रहे हैं। सोशल मीडिया पर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं।  सोचकर दुख होता है कि आखिर ये लोग कौन हैं और कहां से आए हैं।  कुन्नूर प्लेन हादसे में बिपिन रावत समेत अन्य सैन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत की खबर के बाद सोशल मीडिया पर खुशी बयां करते हुए कई पोस्ट सामने आए, जिस पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया भी दी। वहीं, कर्नाटक सरकार की तरफ से तो ऐसे लोगों के खिलाफ कानून कार्रवाई करने का भी फैसला किया गया है। उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ साफ कह दिया है कि इन लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करते हुए इन्हीं चिन्हित कर इनके खिलाफ कड़ी विधिक कार्रवाई की जाएगी।

उधर, अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर कब देखते ही देखते यह पूरा माजरा मजहबी लाबदे में लिपट गया, पता ही नहीं चला। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि बिपिन रावत की मौत पर खुशी मनाने वाले लोगों पर अपना रोष जाहिर करते हुए केरल के फिल्म मेकर अली अकबर ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू  धर्म अपनाने का फैसला किया है। उन्होंने यह फैसला बिपिन रावत की मौत पर खुशी मनाने वाले लोगों के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए लिया है। उन्होंने अपने फैसले का ऐलान करते हुए कहा कि आखिर वे ऐसे धर्म का हिस्सा नहीं बनना चाहेंगे जो वतन विरोधी गतिविधियों  में संलिप्त रहता है और वतन विरोधी विचाराधाओं की नमाइश करने के  लिए इस्लाम का सहारा लेता है। इससे अच्छा वो हिंदू बनकर ही बाकी की जिंदगी गुजर बसर करेंगे। उन्होंने कहा कि देश ने अपने वीर सपूत को खोया है और  उनके निधन पर खुशी मनाने वाले लोगों को कभी नहीं  बख्शा जाएगा।

अली अकबर ने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि बिपिन रावत की मौत पर खुशी मनाने वाले लोगों में सबसे ज्यादा मुस्लिम थे। लिहाजा अब वो इस धर्म का हिस्सा नहीं बने रहना चाहते हैं। इसलिए अब जिस मजहब का मैंने लबादा पहना हुआ था, उसे अब मैं उतार कर फेंक रहा हूं। मैं एक भारतीय हूं और मेरा हिंदू बनने का फैसला उन सभी लोगों के खिलाफ है , जिन्होंने बिपिन  रावत की मौत पर  इस्माइली पोस्ट किए हैं।  इन गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले वसीम रिजवी ने भी मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया था। उनके इस फैसले ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के होश फाख्ता करके रख दिए हैं। हालांकि, वसीम रिजवी का झुकाव शुरू से ही हिंदू और बीजेपी की तरफ देखने को मिला है। उन्होंने हमेशा ही बीजेपी और हिंदुओं के समर्थन में ही अपने शाब्दिक बाण छोड़ हैं।

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