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Burning Train Of Madurai: मदुरै में ट्रेन में रसोई गैस से चूल्हा जलाने की वजह से लगी आग ने खत्म कर दीं बहुत सारी जिंदगियां, सवालों के घेरे में रेलवे सुरक्षा बल

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मदुरै। लखनऊ से टूरिस्ट ट्रेन के जरिए रामेश्वरम जा रहे यात्रियों में से तमाम को इस ट्रेन के कोच में लगी आग के कारण जान गंवाना पड़ा। एक दर्जन से ज्यादा लोग ट्रेन के कोच में आग लगने से झुलस गए। ट्रेन 17 अगस्त को लखनऊ से रामेश्वरम के दर्शन कराने यात्रियों को लेकर चली थी। ट्रेन को रविवार को चेन्नई पहुंचना था, लेकिन आज सुबह मदुरै स्टेशन के पास इसके एक कोच में भीषण आग लग गई। अब तक की जानकारी ये है कि ट्रेन में कुछ यात्री रसोई गैस का सिलेंडर और चूल्हा लेकर चढ़े थे। ये यात्री चाय-नाश्ता बनाने लगे और इसी दौरान आग लग गई।

ट्रेन के कोच में लगी आग और उससे इतने सारे लोगों के जलकर मरने और झुलसने से रेलवे सुरक्षा बल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ट्रेन में रसोई गैस का सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल और अन्य ज्वलनशील चीजें ले जाना सख्त मना है। सवाल ऐसे में ये है कि आखिर जब लखनऊ से यात्री ट्रेन में सवार हुए और वो चूल्हा और रसोई गैस का सिलेंडर ट्रेन में रखने लगे, तो रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने उनको रोका क्यों नहीं? सवाल ये भी उठता है कि लखनऊ से 17 अगस्त को चली ट्रेन लंबे सफर के बाद मदुरै तक आ गई, लेकिन ट्रेन में किसी भी रेलवे सुरक्षा बल के जवान या टीटी को ये रसोई गैस सिलेंडर और चूल्हा आखिर दिखा क्यों नहीं? रेलवे विभाग जरूर इसकी छानबीन कर रहा होगा, लेकिन दोषियों को सजा देने की भी सख्त जरूरत है।

ट्रेन में आज सुबह आग लगी। 17 अगस्त से ट्रेन चल रही थी और आज 26 अगस्त है। जाहिर है, रसोई गैस का सिलेंडर और चूल्हा लेकर चढ़े यात्री इस पर पहले भी चाय, नाश्ता वगैरा बना रहे होंगे। ऐसे में अगर उनको पहले ही इससे रोक दिया जाता या यूं कहें कि ट्रेन में चूल्हा और सिलेंडर लेकर चढ़ने ही नहीं दिया जाता, तो इस तरह की भयावह दुर्घटना में इतने लोगों को हताहत नहीं होना पड़ता। लखनऊ कोई छोटा स्टेशन भी नहीं है। वहां काफी सुरक्षा भी रहती है। ऐसे में ट्रेन में यात्री सिलेंडर और चूल्हा लेकर सवार हुए, ये साबित करता है कि ट्रेन पर चढ़ने वालों की जांच में भयंकर कोताही बरती गई है।

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