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कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर सामने आया विदेश मंत्रालय का बयान, WHO की स्टडी का किया समर्थन

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई, इसको लेकर पूरी दुनिया में सवाल पूछे जा रहे हैं। हालांकि इसको लेकर किसी भी देश के पास सर्वमान्य जवाब नहीं है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से वैश्विक अध्ययन को लेकर कदम उठाया जा रहा है। इस कदम को लेकर शुक्रवार भारत ने WHO का समर्थन किया है। इस तरह के अध्ययन को पहला महत्वपूर्ण कदम बताते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इसके बारे में ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने एवं आगे इस संबंध में आंकड़ा जुटाने के लिये अगले चरण के अध्ययन की आवश्यकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसको लेकर अपने बयान में यह बात कही। बागची ने कहा, ‘‘कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में WHO का वैश्विक अध्ययन करना पहला महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आगे कहा कि डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई और अध्ययन में सभी के सहयोग की जरूरत है।

मालूम हो कि पिछले मार्च में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें कहा गया था कि इसके किसी प्रयोगशाला में शुरू होने की संभावना ‘‘बेहद कम’’ है। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों द्वारा चीन में महामारी के केंद्र वुहान लैब सहित अन्य जगहों पर जिस तरह से अभियान चलाए गए उसके तौर तरीकों तथा बीजिंग से पर्याप्त सहयोग ना मिलने को लेकर अमेरिका और कुछ अन्य देशों ने चिंता जतायी थी।

खबरों की माने तो कोरोना की उत्पत्ति को लेकर अध्ययन पर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रिएसस ने भी अपनी सहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर आगे और अध्ययन की आवश्यकता है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश की खुफिया एजेंसियों से घातक कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए अपने प्रयासों में तेजी लाने का निर्देश देते हुए 90 दिनों का समय दिया है। बता दें कि एजेंसियों को इतने दिन के अंदर इस मामले में रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

जहां कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर वैश्विक समुदाय अध्ययन करने की वकालत कर रहा है तो वहीं शक की निगाह से देखे जा रहे चीन ने गुरुवार को अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन पर कोरोना वायरस के उद्गम की दोबारा जांच कराने की मांग कर अपनी जिम्मेदारी से बचने और राजनीति करने का आरोप लगाया।

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