नई दिल्ली। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर से लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य कार्रवाई के बारे में संसदीय समिति को आज विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान विदेश सचिव ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के द्वारा विदेश मंत्री एस जयशंकर पर उठाए जा रहे सवालों का भी जवाब दिया। विक्रम मिस्री ने राहुल गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए बताया कि विदेश मंत्री के बयान को गलत तरीके से लिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पाकिस्तानी को पहले नहीं बल्कि शुरुआती चरण के बाद दी गई थी।
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। राहुल गांधी ने विदेश मंत्री जयशंकर का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए उन पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही पाकिस्तान को इसकी जानकारी दी गई थी। कांग्रेस सांसद ने सवाल किया था कि जब पाकिस्तान को हमले के बारे में पहले से पता था तो ऐसे में हमने कितने भारतीय विमान खोए? यह कोई चूक नहीं बल्कि अपराध था। देश को इस बात की सच्चाई जानने का हक है।
वहीं संसदीय समिति की बैठक में विदेश सचिव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के दावे को भी नकार दिया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने खुद अपनी तरफ से भारत के डीजीएमओ से संपर्क किया और सीज फायर पर बात की। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच इसको लेकर सहमति बनी। बता दें कि विदेश मामलों की संसदीय समिति में कांग्रेस सांसद शशि थरूर, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी और अरुण गोविल शामिल हैं।