नई दिल्ली। भारत के पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नटवर सिंह का शनिवार देर रात गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन वह जिंदगी की जंग हार गए। नटवर सिंह का जन्म 16 मई 1929 को राजस्थान के भरतपुर जिले में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के मेयो कॉलेज और ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता के बाद, नटवर सिंह ने 1953 में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में प्रवेश किया।
भारतीय विदेश सेवा में दीं महत्वपूर्ण सेवाएं
अपने करियर के दौरान, नटवर सिंह ने चीन, न्यूयॉर्क, पोलैंड, इंग्लैंड, पाकिस्तान, जमैका और जांबिया जैसे विभिन्न देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनकी कुशलता और समर्पण ने उन्हें भारत के महत्वपूर्ण राजनयिकों में से एक बना दिया।
तीन दशकों की सेवा के बाद, नटवर सिंह ने 1984 में भारतीय विदेश सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति की ओर रुख किया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर उसी वर्ष लोकसभा का चुनाव जीता और उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया। उनकी राजनीतिक यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण पद तब आया जब वह मई 2004 से दिसंबर 2005 तक डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में विदेश मंत्री के रूप में कार्यरत रहे।
नटवर सिंह के निधन की खबर से राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। नटवर सिंह को एक बुद्धिजीवी, राजनेता और कुशल राजनयिक के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने देश की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।