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Maharashtra: उद्धव ठाकरे के सामने नई चुनौती, हिंदुत्व बचाएं या मुस्लिम आरक्षण की मानें मांग

uddhav thackeray and sanjay raut

मुंबई। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार चला रहे शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे अब नई मुश्किल में हैं। उनके सामने हिंदुत्व की राह पर चलने के दावे को बचाने की चुनौती है। वजह है मुसलमानों को आरक्षण देने की मांग। राज्य के पूर्व मंत्री नसीम खान ने ये मांग की है। नसीम खान ने कहा है कि मुसलमानों को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण दिया जाए। पूर्व मंत्री ने इस मांग को मानने के लिए उद्धव ठाकरे और अन्य नेताओं को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने जल्द से जल्द मुसलमानों को आरक्षण देने की मांग की है। बता दें कि उद्धव के पिता और शिवसेना के सुप्रीमो रहे बालासाहब ठाकरे जिंदा रहने तक हिंदुत्व की बात करते रहे। उद्धव और उनके खास संजय राउत भी हिंदुत्व पर टिके रहने का दावा करते हैं, लेकिन अब नसीम खान की मांग उनके इस दावे को परखने का लिटमस टेस्ट साबित हो सकता है।

नसीम खान महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता हैं। उन्होंने मांग की है कि मुसलमानों को 5 फीसदी आरक्षण दिया जाए। वो मंत्री रहे हैं। नसीम का कहना है कि शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस को सुनिश्चित करना चाहिए कि अल्पसंख्यकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत फंड भी दिया जाए। उद्धव सरकार के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट को भी यही मांग वाली चिट्ठी नसीम खान ने लिखी है। कई और कांग्रेसी नेताओं को भी खत भेजा है। माना जा रहा है कि नसीम को ऐसा पत्र लिखने के पीछे कांग्रेस के ही कुछ नेताओं का हाथ है और आने वाले दिनों में इस मांग को मानने का दबाव उद्धव ठाकरे पर बढ़ सकता है।

बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुस्लिमों को रिजर्वेशन देने की मंजूरी दी थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। नसीम खान ने यही बात अपनी चिट्ठी में उठाई है। उनका कहना है कि हाईकोर्ट के कहने पर भी पहले की एनडीए सरकार ने मुसलमानों को आरक्षण देने का काम नहीं किया। अब उद्धव ठाकरे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत ऐसा करे। खास बात ये कि एनडीए की सरकार में रहते उद्धव ठाकरे ने मुस्लिम आरक्षण के बारे में चुप्पी साध रखी थी। अब उनपर आरक्षण लागू करने का दबाव है। देखना ये है कि उद्धव इस मांग के सामने झुकते हुए हिंदुत्व को किनारे रख देते हैं या नहीं।

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