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Who Is Dawood Ibrahim: गैंग के छोटे सदस्य से लेकर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी तक, ऐसा है डॉन दाऊद इब्राहिम का इतिहास

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नई दिल्ली। भारत के मोस्ट वांटेड डॉन और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के बारे में सोशल मीडिया पर ये चर्चा है कि जहर दिए जाने के कारण कराची के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई। दाऊद की अगर वाकई मौत हो गई है, तो ये भारत के लिए बहुत सुकून वाली बात है। वजह ये है कि पाकिस्तान में छिपकर रह रहा दाऊद लगातार भारत के खिलाफ कोई न कोई साजिश रचता ही रहता था। दाऊद इब्राहिम का नाम भले ही सभी ने सुना हो, लेकिन उसकी जिंदगी और अपराध के बारे में कम ही लोग जानते हैं। तो अब जानिए दाऊद इब्राहिम के बारे में। कोंकणी मुस्लिम परिवार में दाऊद इब्राहिम का जन्म हुआ। महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के खेड गांव में 26 दिसंबर 1955 को दाऊद पैदा हुआ था। दाऊद के पिता इब्राहिम कासकर मुंबई पुलिस में हेड कॉन्सटेबल थे। दाऊद की मां का नाम अमीना बी था। दाऊद को मिलाकर इब्राहिम और अमीना के 7 बेटे और 4 बेटियां थीं।

दाऊद इब्राहिम ने किशोरावस्था के दौरान ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। 1980 के दशक में पढ़ाई छोड़ी और एक स्थानीय गैंगस्टर से दाऊद जुड़ गया। इसके बाद वो तत्कालीन डॉन हाजी मस्तान के गैंग से जुड़ा, लेकिन कुछ वक्त में ही दोनों की अनबन हो गई। इसके बाद दाऊद ने अपने बड़े भाई शब्बीर इब्राहिम कासकर के साथ मिलकर अपना गैंग तैयार किया। आपसी रंजिश में जब शब्बीर की हत्या एक पठान गिरोह ने कर दी, तो गैंग की पूरी जिम्मेदारी दाऊद इब्राहिम ने उठा ली। फिर उसने हाजी मस्तान और पठान गैंग से मोर्चा लिया और मुंबई में दाऊद के नाम का खौफ लगातार बढ़ता गया। उसे लोग अंडरवर्ल्ड डॉन कहने लगे।

दाऊद इब्राहिम के गिरोह को ‘डी गैंग’ कहा जाने लगा। ये गैंग ड्रग्स, हथियार, सोना, रियल एस्टेट, आतंकी वारदात और रंगदारी के काम को करने लगा। 12 मार्च 1993 को मुंबई में कई जगह बम धमाके हुए। इन धमाकों मे तमाम लोग मारे गए। इस घटना के बाद दाऊद और उसके खानदान के ज्यादातर लोग भागकर पाकिस्तान चले गए। बाद में भारत और अमेरिका के मिलकर काम करने से दाऊद इब्राहिम को संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया। कराची में दाऊद इब्राहिम पॉश क्लिफटन इलाके में रहता था। उसका हाथ 26/11 के मुंबई आतंकी हमले मे भी होने की खबर मिली थी।

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