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CJI on Article 35A: ‘इससे मौलिक अधिकार छीन लिए गए हैं…’, अनुच्छेद 35A पर CJI की अहम टिप्पणी

CJI on Article 35A: हमारे लोकतंत्र को इस तरह से काम नहीं करना चाहिए। जिस पर चीफ जस्टिस ने जवाब देते हुए कहा कि मिस्टर एजी, जरा देखिए क्या हुआ है। इस अदालत में पेश होने वाले किसी व्यक्ति को अब निलंबित कर दिया गया है। इस पर एक नजर डालें। एलजी से बात करें। सीजेआई ने कहा कि, 'अगर कुछ और है तो वो अलग है।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में धारा 370 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। बीते 24 अगस्त को केंद्र ने इस संदर्भ में अपना पक्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था। वहीं, आज फिर से अदालत में इस पर सुनवाई हो रही है। वहीं, सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड की ओर से आर्टिकल 35 A को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

दरअसल, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि “अनुच्छेद 35 ए ने मौलिक अधिकारों को छीन लिया; नौकरी के अवसर की समानता और अचल संपत्ति हासिल करने के अधिकार का उल्लंघन किया।” उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 35A ने मुख्य रूप से मौलिक अधिकारों पर प्रहार किया है, जिसकी वजह से नौकरी के अवसर की समानता और अचल संपत्ति अर्जित करने के अधिकार का उल्लंघन हुआ है। बता दें, आर्टिकल 35A पर मुख्य न्यायाधीश की अहम टिप्पणी है, जिसे लेकर सियासी गलियारों मे चर्चाओं का भी बाजार गुलजार हो चुका है। आइए, आगे कि रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि अनुच्छेद 370 को लेकर आज कोर्ट में क्या कुछ सुनवाई हुई।

वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि, ‘माई लॉर्ड्स अहमद भट, अकादमिक जो यहां आए और कुछ मिनटों तक बहस की – क्योंकि उन्होंने जो तर्क दिया वह 25 अगस्त को संकाय से निलंबित कर दिया गया था। वह दो दिन की छुट्टी लेकर वापस गया और सस्पेंड कर दिया गया। मुझे यकीन है कि एजी इस पर गौर करेंगे। वहीं, एसजी मेहता ने कहा कि, ‘मैंने अखबार पढ़कर अपने लॉर्ड्स की जांच की है।’ अखबारों में जो बताया जाता है वह पूरा सच नहीं हो सकता।’ अन्य मुद्दे भी हैं। वह विभिन्न अदालतों में पेश होता है और अन्य मुद्दे भी हैं। हम इसे अदालत के समक्ष रख सकते हैं।’

इस पर सिब्बल ने कहा कि तो फिर उन्हें पहले ही निलंबित कर देना चाहिए था, अब क्यों? यह उचित नहीं है। हमारे लोकतंत्र को इस तरह से काम नहीं करना चाहिए। जिस पर चीफ जस्टिस ने जवाब देते हुए कहा कि मिस्टर एजी, जरा देखिए क्या हुआ है। इस अदालत में पेश होने वाले किसी व्यक्ति को अब निलंबित कर दिया गया है। इस पर एक नजर डालें। एलजी से बात करें। सीजेआई ने कहा कि, ‘अगर कुछ और है तो वो अलग है। लेकिन उनके सामने आने और फिर निलंबित होने का इतना करीबी सिलसिला क्यों? हालांकि, इस पर सुनवाई का सिलसिला जारी है। अब देखना होगा कि आगामी दिनों में इसे लेकर किसका क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

आपको बता दें 5 अगस्त 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था, जिसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिन पर अभी सुनवाई का सिलसिला जारी है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इसे लेकर किसका क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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