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दुबई, तुर्की जैसे देशों से मिलता था धर्मांतरण कराने के लिए फंड, यूपी एटीएस की जांच में हुआ खुलासा

CM YOGI Conversion

नई दिल्ली।  वैसे तो भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन मुताबिक किसी भी धर्म के रीति रिवाजों का अनुसरण करने की इजाजत प्रदान की गई है, लेकिन आपत्ति तब जताई जाती है कि जब किसी गिरोह की तरफ से किसी खास मकसद से समाज के कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने की कोशिश की जाती है, तो उस शैली पर सवाल उठना लाजिमी है और न महज सवाल, अपितु उसकी जांच कराना भी अनिवार्य है, ताकि ऐसा करने वाले लोगों का पता लगाकर इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सकें। शायद आपको याद होगा कि कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश में भी इसी संबंध में तकरीबन 5 लाख से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराने वाले मौलाना सिद्दिकी व उसके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों पर आरोप है कि ये लोग समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को धन का लालच देकर इनका धर्मांतरण सामाजिक तानेबाने को ठेस पहुंचाने के मकसद से करते हैं। इस काम के लिए न महज ये लोग यहां से धनार्जन कर रहे हैं, अपितु विदेशों तक से भी इनके तार जुड़े हुए हैं, जहां से लोग धर्मांतरण कराने के मकसद से धन प्राप्त कर रहे हैं।

अभी हाल ही में यूपी एटीएस की जांच के उपरांत तैयार किए गए आरोप में धर्मांतरण कराने के ध्येय से विदेशों से धन प्राप्त करने का जिक्र किया गया है। आरोपपत्र में इस गिरोह द्वारा कई देशों से धन प्राप्त करने की बात कही गई है, जिसमें अमेरिका, दुबई , तुर्की और ब्रिटेन शामिल हैं। यूपी एटीएस के मुताबिक, ये लोग भारत के सामाजिक अखंडता को ठेस पहुंचाने के मकसद से  समाज के गरीब तबके को चिन्निह करते हुए उस तक पहुंच बनाकर उनका धर्म परिवर्तन कराते हैं  और इसके लिए इन्हें भारत से वित्त पोषण होता ही है, साथ ही साथ विदेशों से भी अच्छी मात्रा में धन प्राप्त होता है।

सामने आए ये साक्ष्य

यूपी एटीएस ने अपनी जांच में पाया है कि 150 करोड़ रूपए की विदेशी फंडिंग जुटाई गई है। यह रकम उमर गौतम, कलीम सिद्दीकी और सलाहुद्दीन के पास भेजी गई थी। बीते पांच वर्ष से उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर और फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट को 30 करोड़ से ज्यादा रुपये विदेशी संस्थाओं से मिले। उसने इसका 60 फीसदी ही मतांतरण पर खर्च किया था।इसके साथ 22 करोड़ रुपये कलीम की संस्था अल हसन एजुकेशनल सोसायटी को भेजे गए। यह विदेशी फंड दुबई, तुर्की व अमेरिकी संस्थाओं ने भेजा था। फिलहाल , यूपी एटीएस की तरफ से इस मामले की तह तक जाने की पूरी प्रक्रिया जारी है, और उन सभी लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है, जो इस पूरे प्रक्रिया  में संलिप्त बताए जा रहे हैं।

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