नई दिल्ली। आपको थोड़ा अतीत में लेकर चलते हैं। जब द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था। दुनिया मानो तहश-नहश हो चुकी थी। ऐसी भयावह परिस्थिति में दुनिया में वैश्विक प्रशासन की जरूरत महसूस की गई। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर उस वक्त वर्तमान की भांति कोई वैश्विक संस्था होती है, तो संभवत: वैसी परिस्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। जिसे देखते हुए बाद में कई वैश्विक संस्था की स्थापना की गई। जिसमें जी-20 भी शुमार है। बता दें कि जी-20 विकासशील और विकसित देशों का संगठन है, जो दुनिया को विकास की राह दिखाने की जिम्मेदारी अब अपने कांधे पर ले चुकी है। इस जी-20 समूह में भारत भी शामिल है। सालाना जी-20 की बैठक विभिन्न देशों में होती है। इस वर्ष भारत में हो रही है। आज बैठक का पहला दिन था। जिसकी अध्य़क्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। बैठक में अन्य मंत्री भी शामिल हुए। विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद भी शामिल हुए।
“Pleased to meet US Secretary of State Antony Blinken on G20 Foreign Ministers’ Meeting sidelines. Opportunity to review bilateral ties and discuss global issues,” tweets EAM Dr S Jaishankar pic.twitter.com/iyh0xD2CQA
— ANI (@ANI) March 2, 2023
आपको बता दें कि बैठक का आगाज करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने सीरिया और तुर्किए में आए विनाशकारी भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना भी प्रकट की और लोगों से मृतकों के प्रति संवेदना में 2 मिनट तक मौन धारण करने के लिए भी किया। इसके अलावा विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में सीरिया और तुर्किए को हर संभंव मदद पहुंचाने की बात कही। जिस पर अन्य सदस्य देशों ने सहमति व्यक्त की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक को संबोधित किया। आइए, जानते हैं कि उन्होंने अपने संबोधन में क्या कुछ कहा है।
I welcome Italian Prime Minister Giorgia Meloni on her first visit to India. In last year’s elections, the people of Italy voted for her and she became the first woman and youngest PM of Italy. I congratulate her on behalf of Indians for this historic achievement: PM Modi pic.twitter.com/R9he38Kr07
— ANI (@ANI) March 2, 2023
जी-20 की अध्यक्षता करते हुए पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मुख्तलिफ मसलों का जिक्र किया। उन्होंने आतंकवाद, जयवायु परिवर्तन, खाद्य संकट, अलगाववाद सहित अन्य मुद्दों का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कोरोना के बाद वैश्विक परिदृश्य में आए परिवर्तन पर भी जोर दिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना के बाद पूरी दुनिया में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन देखने को मिल हैं, और वर्तमान में मिल रहे हैं, जिसे देखते हए हम सभी को एकजुट होने की जरूरत है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि वैश्विक गर्वनेंस की विफलता का खामियाजा को विकासशील देशों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध से प्रेरणा लेकर खुद को विकास के पथ पर अग्रसर करना है। इस बीच प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं की वजह से हुई जान माल की हानि का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक परिदृश्य में लोगों को बेशुमार दुश्वारियों से जूझना पड़ रहा है, लेकिन अगर हम सभी एकजुट हो जाए, तो इन तमाम दुश्वारियों का निदान किया जा सकता है। पीएम मोदी ने जी-20 के सभी देशों से आह्वान किया है कि वो एकजुट होकर काम करें और आगे के लिए विकास की राह तैयार करें।
वहीं, जी -20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में रुस यूक्रेन का मुद्दा भी उठाया जा सकता है। विदित हो कि भारत इस युद्ध पर शुरू से ही तटस्थ रहा है। हालांकि, बीते दिनों विदेश मंत्री एस जयशंकर की मुलाकात रूस के विदेश मंत्री से भी हुई थी। ऐसे में माना जा रहा था कि जी 20 की बैठक में दोनों रूस यूक्रेन मुद्दे को लेकर स्थिति हंगामेदार हो सकती है। इससे पूर्व भी कई देश भारत से रुस यूक्रेन युद्ध को लेकर रुख जाहिर करने की मांग कर चुके है। हालांकि, भारत शुरू से ही इस मुद्दे पर तटस्थ रहा है। ऐसे में आगामी दिनों में यह बैठक कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।