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Heroes Of Philanthropy: दान के मामले में भी गौतम अडानी सबसे आगे, दो और भारतीयों के साथ बने एशिया के टॉप दानवीर

नई दिल्ली। एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति और अड़ानी समूह के चेयरमैन गौतम अड़ानी हर दिन नई-नई ऊंचाईयां छू रहे हैं। इस बार गौतम अडानी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शिव नादर और Happiest Mind टेक्नोलॉजीज अशोक सूटा इन तीन भारतीयों ने फोर्ब्स के एशिया के टॉप दानवीरों की सूची में अपनी जगह बनाई है। फोर्ब्स का ये 16वां संस्करण आज जारी किया गया है।

दान के मामले में भी अव्वल गौतम अड़ानी

आपको बता दें कि दान करने के मामले में भी इस सनी गौतम अड़ानी किसी से पीछे नहीं हैं। गौतम अडानी भारत के सबसे बड़े दानवीर बन गए हैं। इसी वर्ष जून महीने में जब वे 60 वर्ष के हो गए थे तब उन्होंने 60,000 करोड़ रुपये दान कर दिया था। इस रकम को अडानी फाउंडेशन के जरिए स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास पर खर्च किया जाएगा। अडानी फाउंडेशन की स्थापना 1996 में हुई थी। इसकी चेयरपर्सन गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अडानी हैं। अडानी फाउंडेशन पूरे भारत में तकरीबन 3.7 मिलियन यानि 37 लाख लोगों की हर साल सहायता करती है।

गौतम के साथ शिव नादर भी लिस्ट में शामिल

Forbes Asia Heroes Of Philanthropy के 16वें संस्करण में भारतीय अरबपति शिव नादर का नाम भी शामिल है जिन्होंने बीते एक दशक में शिव नादर फाउंडेशन के जरिए एक अरब डॉलर के करीब अपनी संपत्ति, सामाजिक कार्यों पर खर्च की है। इस वर्ष उन्होंने 1160 करोड़ रुपये (142 मिलियन डॉलर) फाउंडेशन को दिए हैं। बता दें कि वर्ष 1994 में उन्होंने इस फाउंडेशन की शुरुआत की थी। शिव नादर एचसीएल टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर थे। 2021 में उन्होंने खुद को एग्जिक्यूटिव भूमिकाओं से अलग कर लिया था। उन्होंने फाउंडेशन के जरिए स्कूल और यूनिवर्सिटीज बनाये हैं। फाउंडेशन की ट्रस्टी में उनकी पत्नी किरण नादर, बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा और दामाद शिखर मल्होत्रा भी मौजूद हैं।

लिस्ट में अशोक सूटा भी शामिल

गौरतलब है कि दानवीरों के लिए जारी की गई इस लिस्ट में Happiest Mind टेक्नोलॉजीज के 80 वर्ष के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन अशोक सूटा ने भी अपनी जगह बनाई है। उन्होंने 6 अरब रुपये मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट को दान में दिए हैं जिसकी स्थापना उन्होंने 2021 में की थी। इसके साथ ही उन्होंने SKAN यानि Scientific Knowledge For Ageing And Neurological Ailments को 2 अरब रुपये देकर इसकी शुरूआत की थी। अब उन्होंने तीन गुना ज्यादा दान दे दिया है। इस रकम को वे आने वाले 10 सालों के भीतर पेश करेंगे।

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