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Rajasthan: स्वास्थ्य विभाग की बदइंतजामी, गहलोत सरकार की ‘चिरंजीवी योजना’ का दोहरा रंग, मरीजों के साथ छलावा !

नई दिल्ली। यकीन नहीं होता कि आजादी के सात दशकों के बाद भी हमारे देश में स्वास्थ्य विभागों में बदइंतजामी का आलम ऐसा है कि डॉक्टरों की कोताही की वजह से मरीजों को दर-दर भटकना पड़ता है, जो मुल्क अब चांद तक अपना ध्वज फहरा चुका है। अब उस मुल्क में ऐसी खबरें आना कि फलां व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से बेशुमार दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है, अब शोभा नहीं देता है। अगर ऐसी खबरें आएंगी, तो आप ही बताइए कि हम वैश्विक मंच पर विश्व समुदाय को क्या मुंह दिखाएंगे? लेकिन, क्या करें, अफसोस है कि ऐसी खबर आ रही हैं। आ भी कहां से रही हैं?, जहां कुछ महीनों बाद चुनावी बिगुल बजने जा रहा है।

जी हां…हम बात राजस्थान की कर रहे हैं। राजस्थान में कुछ महीने बाद चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले जो खबर सामने आई है, उसके बाद सीधा सवाल गहलोत सरकार की कार्यप्रणाली पर उठ रहे हैं। आइए, आगे आपको पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं। दरअसल, प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरूस्त करने के मकसद से चिरंजीवी योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के अंतर्गत लोगों को प्रदेश के अस्पतालों मे निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है, लेकिन अब यह योजना प्रदेश में दम तोड़ती हुई नजर आ रही हैं। दरअसल, बीते दिनों बाड़मेर जिले के पचपदरा के रहने वाले शेर मोहम्मद पुत्र रमजान खान का एमडीएम अस्पताल जोधपुर में ऑपरेशन किया गया था, लेकिन ऑपरेशन सही नहीं करने की वजह से उसके पैर में दर्द होने लग गया , लेकिन अब उसे अस्पताल वाले एडमिट नहीं कर रहे हैं।

उचित स्वास्थ्य उपचार नहीं मिलने की वजह से आज मरीज को इन दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके बाद से प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य प्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी है, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अब ऐसे में आगामी दिनों में सरकार की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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