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Jolt To Congress: गुलाम नबी चल रहे ऐसी-ऐसी चाल, लगातार बढ़ती जा रही है सोनिया-राहुल की टेंशन

Sonia, Rahul and Ghulam

श्रीनगर। पहले कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र न होने और अध्यक्ष चुनने के लिए 23 नेताओं का गुट बनाया। फिर बयान दिया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलेगा। इसके बाद फिर बयान दिया कि कांग्रेस में अब हालत ये है कि अच्छा सुझाव दो, तो आलाकमान ऐसे व्यक्ति को गुनहगार समझने लगता है। ये सब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से जुड़ा हुआ है। गुलाम नबी के बयान और उनके कामकाज के तरीकों ने कांग्रेस आलाकमान की टेंशन बढ़ा दी थी। अब इस टेंशन को गुलाम नबी ने और बढ़ा दिया है। गुलाम नबी लगातार जम्मू-कश्मीर में जनसभाएं कर रहे हैं और इन्हीं जनसभाओं की वजह से सोनिया गांधी और राहुल गांधी परेशान हो रहे होंगे। वजह ये है कि गुलाम नबी की ये जनसभाएं कांग्रेस की न होकर निजी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि घाटी में अपने समर्थकों की संख्या का अनुमान लगाने के बाद वो कांग्रेस को अलविदा कह सकते हैं।

गुलाम नबी ने हालांकि बीते दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि वो फिलहाल कांग्रेस का दामन छोड़ने वाले नहीं हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने ये कहकर सस्पेंस को जिंदा रखा कि सियासत में कब क्या होगा ये किसी को पता नहीं। गुलाम नबी के करीबी नेताओं के मुताबिक जम्मू-कश्मीर का सीएम रहते वो लोगों के काफी करीबी थे और आम लोगों के हित में काम करते रहे। ऐसे में लोग उन्हें पसंद करते हैं। इधर मोदी सरकार ने लगातार कहा है कि डिलिमिटेशन का काम पूरा होते ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद संसद में जताया था कि वो गुलाम नबी को पसंद करते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि गुलाम नबी अपने लिए नया रास्ता तय कर सकते हैं।

बहरहाल, गुलाम नबी फिलहाल दिल्ली आए हैं, लेकिन उससे पहले जम्मू की एक रैली में उन्होंने मीडिया से कहा कि जब कुछ नया करूंगा, तो आपको बताऊंगा जरूर। अटकलें ये लग रही हैं कि गुलाम नबी को आगे कर बीजेपी जम्मू-कश्मीर में अपना बेस तैयार कर सकती है। आजाद ने बीते दिनों ये कहा था कि अब अनुच्छेद 370 के बारे में सोचने की जगह आगे का रास्ता देखना चाहिए। उनका ये बयान बीजेपी के बिल्कुल मुफीद भी है। सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में आजाद अगर कांग्रेस से अलग होते हैं, तो वहां के कम से कम 20 कांग्रेसी नेता भी उनके खेमे में जा सकते हैं। इन खबरों ने भी कांग्रेस आलाकमान के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।

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