नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस के एक ट्रेनी पायलट ने अपनी सीनियर अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि उसके साथ जातिवाचक अभद्र टिप्पणी करते हुए अभद्र व्यवहार किया गया। ट्रेनी पायलट अनसूचित जाति से आता है। अपनी शिकायत में उसने बताया कि सीनियर अधिकारियों ने उससे कहा कि तुम प्लेन उड़ाने लायक नहीं हो, वापस जाओ और चप्पल सिलो। साथ ही उससे यह भी कहा कि तुम्हारी यहां चौकीदार बनने की भी औकात नहीं है। इस मामले में इंडिगो के तीन अधिकारियों मनीष साहनी, तपस डे और राहुल पाटिल के खिलाफ एससी-एसटी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है, फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
बेंगलुरु के रहने वाले ट्रेनी पायलट ने बताया कि 28 अप्रैल को हरियाणा के गुरुग्राम में इंडिगो के हेडक्वार्टर में हुई बैठक के दौरान उसके साथ यह अभद्र व्यवहार किया गया। ऑफिस पहुंचते ही मुझे कहा गया कि अपना फोन और बैग बाहर रखो। इसके बाद मुझे अपमानित किया गया। इस मामले में पहले बेंगलुरु में जीरो एफआईआर दर्ज की गई बाद में इसे गुरुग्राम में ट्रांसफर कर दिया गया। ट्रेनी पायलट ने कहा है कि वरिष्ठ अधिकारी इस प्रकार के दुर्व्यवहार के जरिए उस पर इस्तीफा देने का दबाव बना रहे थे। उसने बताया कि इस मामले को कंपनी की एथिक्स कमेटी के समक्ष उठाया था मगर वहां से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद मजबूरन कानूनी कार्यवाही का सहारा लेना पड़ा।
इस मामले में एससी-एसटी एक्ट के अलावा आरोपियों पर बीएनएस की धारा 351(2) (आपराधिक धमकी), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 3(5) (सामान्य इरादा) के तहत भी कार्रवाई की गई है। पुलिस इस मामले में यह पता रही है कि जो आरोप ट्रेनी पायलट ने लगाए हैं वो सही हैं या नहीं। इसके लिए इंडिगो के कुछ कर्मचारियों से बयान भी लिए जा सकते हैं।