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जहां पराली के जलने से दिल्ली है बेहाल, वहीं योगी के यूपी में पेश हुई शानदार मिसाल, पराली के बदले मिल रहा है ये

नई दिल्ली। एक तरफ पराली के जलाए जाने से देश की राजधानी दिल्ली गैस चेम्बर में तब्दील हो चुकी है। ऐसे माहौल में लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में पराली को लेकर एक ऐसी मिसाल पेश की गई है जो देश के बाकी राज्यों के लिए उदाहरण बनेगा। आपको बता दें कि मिसाल भी ऐसी कि आने वाले दिनों में पराली की वजह से हो रही दिक्कतें हमेशा के लिए दूर हो सकती हैं। गौरतलब है कि योगी सरकार की पहल पर यूपी के दो जिलों में करीब पांच हजार क्विंटल पराली किसानों से जिला प्रशासन ने लिए हैं। यही नहीं पराली लेने के बदले लोगों को जिला प्रशासन गोबर की खाद निशुल्क दे रहा है। उन्नाव में जिला प्रशासन किसानों को दो ट्रॉली पराली देने पर एक ट्रॉली गोबर की खाद निशुल्क दे रहा है। कानपुर देहात में तीन हजार क्विंटल और उन्नाव में 1,675 क्विंटल से ज्यादा पराली किसानों से ली गई है।

इसको लेकर उन्नाव के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि, हमारे यहां 125 गोशालाएं हैं। इनमें पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद उपलब्ध है। हम दो ट्रॉली पराली देने पर एक ट्रॉली गोबर की खाद निशुल्क दे रहे हैं। वहीं कानपुर देहात के डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने बताया कि, पराली की समस्या को देखते हुए हम किसानों को ग्रामीण स्तर पर जागरूक कर रहे हैं। इसके अलावा हमने तीन हजार क्विंटल से ज्यादा पराली किसानों से ली भी है।

वहीं पराली की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा था, “प्रिय किसान भाइयों, आपका प्रकृति एवं पर्यावरण से अभिन्न सम्बन्ध है। पराली का जलना पर्यावरण एवं हम सबके लिए अत्यंत हानिकारक है। आप अन्नदाता हैं, आपका कार्य जीवन को सम्बल देना है। आइए, पराली न जलाने व पर्यावरण के अनुकूल माध्यमों से उसके उत्पादक उपयोग का प्रण लें।”

पराली जलाने वाले किसानों के साथ बर्ताव को लेकर भी सीएम योगी ने कहा था कि, प्रदेश के किसान बंधुओं के हित संरक्षण के लिए यूपी सरकार पूर्णत: प्रतिबद्ध है। पराली जलाने के दुष्प्रभावों और उसके बेहतर उपयोग के लिए कृषकों को जागरूक करने की आवश्यकता है। पराली जलाने से संबंधित कार्यवाही में किसान भाइयों के साथ कोई दुर्व्यवहार/उत्पीड़न स्वीकार नहीं किया जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल) ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है।

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