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सरकार बोली किसानों से बातचीत के लिए फिर से तैयार, इधर राकेश टिकैत ने ममता बनर्जी से मुलाकात कर आंदोलन को बना दिया राजनैतिक

tomar And rakesh tikati

नई दिल्ली। सात महीने से भी अधिक समय से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। ऐसे में किसान संगठनों की तरफ से सरकार से मांग है कि नए तीन कृषि कानूनों को वापस लिया जाय। हालांकि किसान संगठनों और सरकार के बीच इस साल की जनवरी से किसी तरह का संवाद नहीं हुआ। ऐसे में अब सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि कानून के साथ-साथ दूसरे मुद्दों पर भी सरकार बातचीत के लिए तैयार है। बातचीत दोबारा शुरू करने के साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसान कृषि कानूनों पर तार्किक आधार पर अपनी चिंता लेकर आएंगे तो बात संभव है। वहीं, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा है कि किसान कानूनों का विरोध करने के बजाय किसानों को सरकार से तीनों कानूनों में खामियां बताना चाहिए। सरकार के सामने इन कमियों को रखना चाहिए, जिससे वो दूर किए जा सके।

गौरतलब है कि, राकेश टिकैत ने 29 अप्रैल को कहा था कि किसान केंद्र सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं, मगर उन्होंने कानूनों की वापसी पर चर्चा का भी समर्थन किया।

इस बीच किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी कि, करोड़ों किसानों को MSP खरीफ की बढ़ी कीमत तय की गई। एक प्रेस कांफ्रेंस में उनके साथ मौजूद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, पिछले सात सालों में मोदी सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने से संबंधित फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि, ‘2018 से MSP लागत पर 50% मुनाफा जोड़ कर घोषित की जाती है। धान सामान्य स्तर का 1868 से 1940 करके बाज़ार में पहले 2150 से 2250 रुपया हो गया। 2014 में सामान्य धान 1360 रुपया था जो आज 1940 हो गया है। अरहर दाल में 62 फ़ीसदी बढ़ोतरी की गई है।’

तोमर ने कहा कि, हमारी सरकार किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है। और रही बात एमएसपी की तो MSP है और MSP बना रहेगा। प्रधानमंत्री ने भी लगातार यह बात कही है। कृषि मंत्री ने कहा कि, ‘मोदी सरकार किसानों का सम्मान करती है और इसी वजह से किसानों के साथ 11 बार बात की। किसानों से बात करने के लिए अब भी तैयार हैं।’

उन्होंने कहा कि सरकार ने फसल वर्ष 2021-22 के लिए धान का एमएसपी 72 रुपये बढ़ाकर 1,940 रुपये प्रति क्विंटल किया, पिछले साल यह 1,868 रुपये प्रति क्विंटल था। बाजरा जो 2020-21 में 2150 रुपये प्रति क्विंटल था, वो अब 2250 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। तोमर ने कहा कि कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाये जा रहे हैं और भविष्य में भी इसी तरह वृद्धि होती रहेगी।

वहीं बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर बंगाल की जनता का धन्यवाद दिया। बता दें कि राकेश टिकैत ने बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार पर कहा कि मैं इतनी बड़ी जीत के लिए बंगाल के लोगों को बधाई देता हूं। मैं यहां की CM ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा करता हूं।

उन्होंने कहा कि, हमें विपक्ष को मजबूत करने की जरूरत है। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के लिए हम बेहतर समन्वय की जरूरत है। ममता बनर्जी ने हमें समर्थन देने का आश्वसन दिया है। उन्होंने कहा कि हम ममता दीदी से आग्रह करने आए हैं कि आपने बड़े दुश्मन को हराया अब आप ऐसा मॉडल तैयार करें जिसे सब फॉलो करें। इस दौरान उन्होंने भारतीय किसान यूनियन की ओर से सभी राज्य सरकारों से उनके आंदोलन को समर्थन करने की मांग की। बता दें कि ममता बनर्जी ने भी किसानों के आंदोलन को समर्थन देने की बात कही।

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