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Action: सरकार ने #Bullibai पर दिखाया सख्त रवैया, प्लेटफॉर्म बैन, CERT और पुलिस को जांच का जिम्मा

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नई दिल्ली। मुस्लिम महिलाओं को #Bullibai नाम से सोशल मीडिया के जरिए निशाना बनाने के मामले में केंद्र सरकार से शिकायत के बाद अब इस साइट को बंद कर दिया गया है। ये जानकारी आईटी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। उन्होंने शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के इस बारे में किए गए ट्वीट पर लिखा कि गिटहब ने यूजर पर रोक लगा दी है। वैष्णव ने ये भी बताया कि इस मामले की जांच को केंद्रीय एजेंसी सर्ट CERT और पुलिस को सौंपा गया है। बता दें कि बुल्ली बाई हैशटैग के जरिए कुछ लोग मुसलमान महिलाओं की तस्वीरों के साथ अपमानजनक बातें लिख रहे थे। सबसे पहले ये मसला “द वायर” की पत्रकार इस्मत आरा ने उठाया था। उन्होंने लिखा था कि मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया जा रहा है। इसके बाद हर तरफ से मांग हो रही थी कि बुल्लीबाई को जो लोग प्रमोट कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

इस्मत आरा के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मैंने बार-बार माननीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव जी से #sullideals के माध्यम से महिलाओं के इस तरह के बड़े पैमाने पर महिलाओं को नीचे दिखाने और धर्म के आधार पर टारगेट करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा। यह शर्म की बात है कि इसकी लगातार अनदेखी की जा रही है। वहीं, बिहार के किशनगंज के कांग्रेस सांसद एमडी जावेद ने भी गृह मंत्री से शिकायत की थी। उन्होंने लिखा था कि अब एक नया प्लेटफॉर्म “बुल्लीबाई” सामने आया है जो सुल्ली डील्स की प्रतिकृति है। इन दोनों प्लेटफॉर्म पर और कानून से ना डरने वाले अपराधियों पर कार्रवाई का अनुरोध किया है।

बता दें कि इससे पहले सोशल मीडिया पर कुछ दिन पहले सुल्ली डील्स को लेकर काफी विवाद खड़ा हुआ था। मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करने वाले सुल्ली डील्स एप के जरिए आपत्तिजनक तस्वीरों की बोली लगाई जा रही इस एप के जरिए मुसलमान महिला पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, कलाकारों और शोधार्थियों को निशाना बनाया गया था। उनकी तस्वीरें खुलेआम नीलाम की गई थीं। जब इस मामले में लोगों ने सोशल मीडिया पर आवाज उठी, तो दिल्ली पुलिस हरकत में आई और उसकी साइबर सेल ने इस मामले में शिकायत दर्ज की थी। बाद में एप को हटा लिया गया था। अब #Bullibai के जरिए मुस्लिम महिलाओं को एक बार फिर से निशाना बनाया जाने लगा।

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