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GST On Insurance: इंश्योरेंस प्रीमियम पर नहीं घटी जीएसटी, अब नए सिरे से विचार कर इस महीने सुझाव देगा मंत्रियों का समूह

नई दिल्ली। इंश्योरेंस यानी बीमा के प्रीमियम पर जीएसटी दर न घटाए जाने से लाखों लोगों को झटका लगा है। अब इस बारे में जनवरी में फैसला होगा। जनवरी में होने वाली मंत्रियों के समूह की बैठक में इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी घटाए या हटाए जाने पर चर्चा होगी। बताया जा रहा है कि मंत्री समूह में इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी के बारे में एकराय न होने के कारण इस पर फैसला टाला गया है। बताया जा रहा है कि इंश्योरेंस यानी बीमा पर जीएसटी की दर घटाए या हटाए जाने के संबंध में बीमा नियामक आईआरडीएआई से भी राय ली जाएगी। अब इंश्योरेंस का प्रीमियम देने वालों को जीएसटी राहत के लिए जनवरी 2025 तक इंतजार करना होगा।

टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। हेल्थ इंश्योरेंस वगैरा पर भी लोगों को जीएसटी देना होता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इंश्योरेंस से जीएसटी हटाने की वकालत की थी। इसके बाद उम्मीद बंधी थी कि जीएसटी काउंसिल फैसला ले सकती है और इंश्योरेंस कराने वालों को राहत मिल सकती है। नितिन गडकरी ने जीएसटी हटाने के पक्ष में अपनी बात कहते हुए ये भी दलील दी थी कि प्रीमियम पर जीएसटी लगने के कारण तमाम लोग इंश्योरेंस नहीं करा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक राज्य सरकारों ने भी इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी कम करने या हटाने का विरोध किया। ऐसे में जीएसटी काउंसिल ने मंत्रियों के समूह से कहा है कि इस बारे में और अध्ययन के बाद वे अपनी सिफारिश दें। बताया जा रहा है कि इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी घटाने से हजारों करोड़ रुपए का नुकसान होने के आसार हैं। वित्तीय वर्ष 2024 में इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी से केंद्र और राज्यों को 16400 करोड़ रुपए मिले। इसे कम करने पर 2600 करोड़ का झटका लग सकने की बात कही जा रही है। हेल्थ इंश्योरेंस को 18 से घटाकर 5 फीसदी करने का प्रस्ताव मंत्रियों के समूह ने दिया था। वरिष्ठ नागरिकों के बीमा पर जीएसटी हटाने का प्रस्ताव भी था। जो वरिष्ठ नागरिक नहीं हैं, उनके लिए 5 लाख तक के बीमा पर भी जीएसटी खत्म करने का प्रस्ताव था। टर्म इंश्योरेंस को भी पूरी तरह जीएसटी से बाहर रखने का प्रस्ताव दिया गया था।

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