नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर काउंसिल को लेकर आज अहम बैठकों का आयोजन किया गया, जहां पेट्रोल एवं डीजल को जीएसटी में शामिल करने पर विचार किया गया है। लेकिन सहमति इस पर बनी कि अभी इसका समय नहीं आया है। कई महंगी लाइफ सेविंग दवाओं को जीएसटी से मुक्त करने का फैसला किया है। इनमें दो काफी महंगी दवाओं को शामिल किया गया है। फूड डिलिवरी ऐप से खाना मंगाने पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की आशंका को भी अब खत्म कर दिया है।
कैंसर से संबंधी कई दवाओं पर भी जीएसटी को 12 से घटाकर 5 फीसदी तक कर दिया गया है। Remdesivir पर सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी लगाए जने पर सहमति बनाई गई है। कोरोना की दवा को 31 दिसंबर 2021 तक के लिए जीएसटी से छूट दी जाएगी। माल वाहनों के नेशनल परमिट फीस को जीएसटी से भी मुक्त कर दिया गया है।
इस मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जहां जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि आज जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह तय हुआ कि बायोडीजल पर जीएसटी को घटाकर 12 से 5 फीसदी तक किया जाए।
पेट्रोल-डीजल पर हुआ यह फैसला
वित्त मंत्री ने कहा कि केरल हाईकोर्ट के आदेश की वजह से ही पेट्रोल-डीजल पर विचार हुआ, लेकिन इस पर आमराय बनी कि अभी इसका समय नहीं आया है. यानी अभी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि इस साल जून में केरल हाईकोर्ट ने जीएसटी काउंसिल को यह आदेश दिया था कि वह पेट्रोल एवं डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया जाए। काउंसिल को इसके लिए 6 माह का समय दिया गया। लेकिन इस प्रस्ताव का राज्य ही विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनके राजस्व को भी इससे भारी नुकसान पहुंचने वाला माना जा रहा है।