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Invest Rajasthan Summit 2022: ‘आए तो थे करोड़ों का निवेश करने लेकिन अब..’, राजस्थान इन्वेस्ट समिट में शामिल हुए लोगों की नाराजगी, फिरा CM गहलोत की उम्मीदों पर पानी

नई दिल्ली। गहलोत सरकार के सितारे इन दिनों गर्दिश में हैं। राजनीति के अखाड़े के बाद अब उन्हें उद्योग के दंगल में भी मुंह की खानी पड़ी है। जैसे-तैसे तो खुद की मुख्यमंत्री की कुर्सी महफूज रखने में गहलोत साहब कामयाब हुए तो उनका मन किया कि क्यों ना सूबे की जनता का कुछ भला ही कर दिया जाए। सो उन्होंने राजस्थान में उद्योगपतियों का मैला लगवाने का फैसला किया। यकीन मानिए साहब। हिंदुस्तान के कोने-कोने से उद्योगपतियों को उन्होंने राजस्थान आने का न्योता दिया। सभी उद्योगपतियों से बस यही गुजारिश की गई कि सूबे में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए निवेश की धारा बहाई जाए। अब मुख्यमंत्री का फरमान था तो उनकी नाफरमानी करना किसी भी सुरत में उद्योगपतियों को मंजूर नहीं था। लिहाजा झट से सभी उद्योगपतियों की जमात ने राजस्थान का टिकट बुक करा लिया। लेकिन फिर, जो हुआ, उसे देखकर सभी उद्योगपतियों का माथा ही ठनक गया। समिट की अव्यवस्था देखकर शामिल हुए लोगों का रोष इस कदर अपने चरम पर पहुंचा कि अब वे करते भी क्या करते। समिट में आए लोगों ने अव्यवस्था पर गहरा रोष व्यक्त किया और सरकार से इस दिशा में उपयुक्त कदम उठाने की अपील की।

मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में उद्योगपतियों ने खुद ही अपनी दिली सूरतेहाल बयां करते हुए कहा कि आए तो थे हम भारी निवेश का प्लान लेकर लेकिन कार्यक्रम की अव्यवस्थाओं का देखकर हमें बहुत पीड़ा हो रही है। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही समिट की खाली कर्सियां यह बयां करने के लिए पर्याप्त है कि समिट की स्थिति बिल्कुल भी दुरूस्त नहीं रही। लिहाजा अब तक की तमाम गतिविधियों से वाकिफ होने के बाद यह कहना मुनासिब रहेगा कि स्थिति राजस्थान के मैदान में अब उद्योगतियों के दंगल में भी गहलोत सरकार को मुंह की खानी पड़ी है। अब ऐसी स्थिति में उनका अगला कदम क्या रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। आइए, आगे हम आपको समिट की बुनियादी जानकारियों से अवगत कराते हैं।

आपको बता दें, इन्वेस्ट राजस्थान समिट की शुरुआत सीतापुर स्थिति जेईसीसी हॉल में हुई थी। सूबे में रोजगार के द्वार खोलने के लिए समिट में देशभर से उद्योगपतियों का जलसा लगा था। अब वो और बात है कि उनके जेहन में किसी बात को लेकर नाराजगी बैठ गई।

अब इन नाराजगियों का क्या असर रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। बता दें कि इस समिट में 1500 से अधिक मेहमानों के पहुंचने की खबर थी। हालांकि, इन सभी उद्योगपतियों के लिए पूरे इंतजाम किए गए थे। लेकिन इस इंतजाम के बाद भी इस नाराजगी की वजह सियासी गलियारों में गहलोत के खिलाफ चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आर्सेलर मित्तल ग्रुप के चेयरमैन और प्रवासी राजस्थानी स्टीक किंग लक्ष्मीनिवास मित्तल, नेशनल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन सीके बिरला, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के चेयरमैन अजय एस श्रीराम, महिन्द्रा और महिन्द्रा के एमडी एंड सीईओ डॉ. अनीष शाह, सेंट गोबेन इंडिया के चेयरमैन बी संथानम, वॉल्वो ग्रुप के कमल बाली, सीआईआई चंद्रजीत बैनर्जी सहित अन्य उद्योगपतियों के शामिल होने की खबर थी। लेकिन, अब समिट को लेकर जिस तरह की खबरें प्रकाश में आ रही है, उसे ध्यान में रखते हुए गहलोत सरकार का अगला कदम क्या रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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