चंडीगढ़। हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने बीते पखवाड़े के दौरान 1.66 लाख रुपये से अधिक की रिश्वत लेते एक आईटीआई प्रिंसिपल, दो पुलिस अधिकारी, दो पटवारी, एक ग्राम सचिव और एक ऑक्शन रिकॉर्डर सहित सात आरोपियों को काबू किया है। सभी गिरफ्तारियां करनाल, गुरुग्राम, पानीपत, कैथल, सिरसा और भिवानी जिलों से की गई हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि विकास (आईटीआई भिवानी में एचकेआरएनएल योजना के तहत कार्यरत स्वीपर) की शिकायत पर ब्यूरो की टीम ने भिवानी के आईटीआई प्राचार्य अनिल कुमार यादव को गिरफ्तार किया है। आरोपी हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत लगे कर्मचारियों से नौकरी पर बने रहने के लिए रिश्वत की मांग कर रहा था। आरोपी के पास से 12 हजार रुपए की रिश्वत की राशि बरामद की गई। शिकायतकर्ता जो रिश्वत नहीं देना चाहता था, उसने ब्यूरो से संपर्क किया और जानकारी की पुष्टि करने के बाद, एक टीम ने रेड करते हुए आरोपी को काबू कर लिया।
गुरुग्राम में ब्यूरो की टीम ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पटवारी संजय को 8000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। पटवारी ने अधिग्रहीत भूमि के एवज में शिकायतकर्ता को मिले ब्याज की रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने के लिए रिश्वत की मांग की थी। ब्यूरो की टीम ने छापेमारी कर आरोपी पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। करनाल में, ब्यूरो ने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के एक ऑक्शन रिकॉर्डर को उस समय रंगे हाथों गिरफ्तार किया, जब वह चारा बेचने के लिए चारा लाइसेंस जारी करने के लिए 10,000 रुपये की रिश्वत ले रहा था। आरोपी की पहचान करनाल मार्केट कमेटी कार्यालय में तैनात रघुबीर के रूप में हुई।
एक अन्य मामले में, ब्यूरो की टीम ने सिरसा जिले के बेगू शाहपुर के हलका पटवारी अनिल को 1800 रुपये की रिश्वत लेते हुए काबू किया। आरोपी शिकायतकर्ता द्वारा अपने मकान पर कर्ज लेने की रिपोर्ट देने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था। गिरफ्तार किए गए सभी के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो के संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी मुकदमों में आगे की जांच चल रही है।