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Farmers Protest: ‘कल से इनके घर का कुत्ता भी बाहर नहीं निकलने देंगे’, हरियाणा के BJP-JJP नेताओं को किसानों की खुली चेतावनी

gurnam singh

नई दिल्ली। केंद्र के तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच जारी तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। एक ओर जहां सरकार किसानों को बातचीत के सहारे मनाने की पुरजोर कोशिश कर रही है तो वहीं किसान सरकार की सुनने के मुड में नहीं है। सरकार की तरफ से भी साफ सीधे लफ्जों में कहा जा चुका है कि वो किसानों के साथ बातचीत करके इस मसले पर हल निकालने का प्रयास करेगी लेकिन कानूनों को वापस नहीं लेगी तो वहीं किसानों ने भी कहा है कि जब तक सरकार इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी वो सरकार के खिलाफ जारी इस आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। समय-समय पर टिकैत सरकार को धमकी भले लफ्जों में कृषि कानूनों को लेकर चेतावनी भी दे चुके हैं तो वहीं अब एक बार फिर किसानों और सरकार के बीच खींचतान देखने को मिल रही है।

कृषि कानूनों के मामले पर जारी बवाल के बीच अब धान की खरीद को लेकर पंजाब-हरियाणा में सरकार और किसान संगठन फिर आमने-सामने आ गए हैं। फसल खरीद में हो रही देरी से बौखलाए किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को सीधी चेतावनी दी है। गुरनाम सिंह ने कहा, “अगर कल से (2 अक्टूबर) फसल खरीद शुरू नहीं हुई तो इनका कुत्ता भी घर से बाहर नहीं निकल पाएगा।”


एक वीडियो जारी कर सरकार को चेतावनी देते हुए भारतीय किसान यूनियन के गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि मंडियों में फसलों का ढेर लगा है। बारिश के कारण कई फसलें खराब हो गई हैं। सरकार ने पहले 1 तारीख से खरीद की बात कही थी, लेकिन अब इसे आगे बढ़ाकर 11 कर दिया है। चढ़ूनी ने फसल खरीद की तारीख बढ़ाने पर नाराजगी जताते हुए कहा, “किसानों की तबाही का एक ओर फ़रमान जारी सरकार कहती है एक किले में से 25 कुंटल धान खरीदेंगे और खरीद 11 अक्टूबर से शुरू होगी पर फसल मंडियों में बरसात के कारण खराब हो रही है किसान साथियों कल तक ख़रीद शुरू नहीं होती तो परसों से BJP और JJP के MLA के घर घेर कर धान की ट्रॉली खड़ी कर दो।”

बता दें, मौसम को देखते हुए इस बार धान खरीदने की प्रक्रिया शुरू होने में देरी हुई है। एमएसपी के आधार पर केंद्र सरकार ने पंजाब-हरियाणा से 11 अक्टूबर से इस प्रक्रिया को शुरू करने को कहा है, खरीद में हुई देरी के कारण ही किसानों में गुस्सा है। ध्यान हो पहले ही नए कृषि कानूनों के कारण किसानों का आंदोलन जारी है। बीते करीब एक साल से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं लेकिन बावजूद अब भी दोनों के बीच सुलह नहीं हो पाई है। हाल ही में किसानों ने भारत बंद भी बुलाया था जिसका असर दिल्ली-एनसीआर में देखने को मिला था।

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