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Republic Day Chief Guest: कभी सोचा है आखिर कैसे तय होता है गणतंत्र दिवस का मुख्य अतिथि? जानिए पूरा प्रोसेस

Republic Day Chief Guest: कई बार किसी देश से अच्छे संबंध होने पर उसे आमंत्रित किया जाता है, जबकि कभी-कभी निमंत्रण इसलिए भेजा जाता है ताकि भविष्य में उस देश के साथ संबंध मजबूत हो सकें। इसके अलावा, किसी विशेष उद्देश्य या रणनीतिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए भी मुख्य अतिथि का चयन किया जाता है।

नई दिल्ली। भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। यह एक खास संयोग है कि भारत के पहले गणतंत्र दिवस (1950) में भी इंडोनेशिया के ही राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि बनाया गया था। तब से लेकर अब तक गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि आमंत्रित करने की परंपरा जारी है।

75 सालों में दुनियाभर के नेताओं को मिला सम्मान

भारत ने बीते 75 वर्षों में दुनियाभर के देशों को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में सम्मानित किया है। सबसे ज्यादा बार फ्रांस के नेताओं ने यह भूमिका निभाई है। अब तक कुल 6 बार फ्रांस से मुख्य अतिथि आए हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान से भी दो बार मुख्य अतिथि आमंत्रित किए गए हैं। 1955 में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद और 1965 में पाकिस्तान के कृषि मंत्री राना अब्दुल हामिद भारत के गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बने थे। इसके अलावा, एशिया, यूरोप और अफ्रीका के विभिन्न देशों से भी गणमान्य व्यक्तियों को इस समारोह के लिए बुलाया गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी 2015 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया था।

कैसे चुना जाता है गणतंत्र दिवस का मुख्य अतिथि?

गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि का चयन एक विस्तृत प्रक्रिया के तहत किया जाता है, जिसे विदेश मंत्रालय अंजाम देता है। यह प्रक्रिया समारोह से लगभग छह महीने पहले शुरू हो जाती है।

मुख्य अतिथि का चुनाव करते समय निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है:

भविष्य के संबंधों को मजबूत करने का उद्देश्य

कई बार किसी देश से अच्छे संबंध होने पर उसे आमंत्रित किया जाता है, जबकि कभी-कभी निमंत्रण इसलिए भेजा जाता है ताकि भविष्य में उस देश के साथ संबंध मजबूत हो सकें। इसके अलावा, किसी विशेष उद्देश्य या रणनीतिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए भी मुख्य अतिथि का चयन किया जाता है।

आमंत्रण प्रक्रिया

मुख्य अतिथि के लिए प्रस्तावित देशों की सूची राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास भेजी जाती है। उनकी मंजूरी मिलने के बाद संबंधित नेता की उपलब्धता की जांच की जाती है। यदि वह उपलब्ध होते हैं, तो विदेश मंत्रालय औपचारिक तौर पर निमंत्रण भेजता है और संबंधित देश के साथ संपर्क बनाए रखता है।

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