रांची। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण में जुटी है। इसका ताजा सबूत उसका फैसला है। सरकार की पहल पर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक नए विधानसभा भवन में कमरा नंबर 348 को नमाज के लिए विशेष तौर पर सुरक्षित किया गया है। यह आदेश 2 सितंबर को जारी किया गया है। यह पहला मौका है, जब किसी धर्म के मानने वालों की प्रार्थना के लिए किसी भी सरकारी भवन में विशेष तौर पर कमरा आवंटित किया गया हो। हेमंत सोरेन के शासन में वैसे भी दलितों और पिछड़ी जातियों के धर्म परिवर्तन की घटनाएं खूब हो रही हैं। इन जातियों के उत्पीड़न की घटनाएं भी आए दिन होती रहती हैं। पिछले साल दलितों और पिछड़ी जाति की महिलाओं से रेप के मुद्दे को बीजेपी ने जोर-शोर से उठाया भी था। कुल मिलाकर झारखंड में मुसलमानों और ईसाइयों के लिए सरकार ने पलक पांवड़े बिछा रखे हैं।
Appeasement ke ‘Kaam Ki Baat’!
The @HemantSorenJMM govt in Jharkhand is building a special ‘Namaz Room’ inside the new State Assembly.
Secularism Fact Check: Only 4 out of 81 MLAs in the state are Muslims.#Jharkhand pic.twitter.com/gE2nDlJas1
— Know The Nation (@knowthenation) September 4, 2021
विधानसभा भवन में नमाज के लिए कमरा आवंटित करने के मामले से सियासत गरमाने के आसार हैं। हेमंत सोरेन पहले भी विवादों में घिरते रहे हैं। कोरोना काल में पीएम नरेंद्र मोदी जब मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहे थे, तो उसमें शामिल हेमंत सोरेन ने बाद में कहा था कि पीएम सिर्फ अपने मन की बात कहते हैं, दूसरे के मन की बात नहीं सुनते।
सोरेन के इस बयान पर गैर बीजेपी दलों के कई सीएम ने उन्हें टोका भी था। यहां तक कि कम बोलने वाले ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने भी हेमंत सोरेन के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी थी। बीजेपी लगातार सोरेन सरकार पर उसके कामकाज के तौर-तरीकों को लेकर सवाल उठाती रही है। अब देखना ये है कि नए विधानसभा भवन में नमाज के लिए विशेष तौर पर कमरा अलॉट होने के मामले पर बीजेपी का रुख क्या रहता है।