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Kilimanjaro: गाजियाबाद के हिमांशु ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहराकर खास बना दिया ‘आजादी का अमृत महोत्सव

Himanshu: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक माउंट किलिमंजारो विश्व का सबसे लंबा पहाड़ है। बता दें कि इसका शिखर 5895 मीटक है और ये लगभग 19341 फीट औसत रूप में माना जा सकता है। यहां की रचना ज्वालामुखी शंकुओं से हुई है।

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नई दिल्ली। गाजियाबाद के लाल जो कि पेशे से एक सिपाही हैं, उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची खड़ी चोटी पर भारत का तिरंगा फहरा कर विदेश में भारत माता की जय जयकार करा दी। दरअसल, यूपी पुलिस की पीएसी में तैनात एक सिपाही ने दक्षिण अफ्रीका में भारत का नाम रोशन कर दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि अफ्रीका की सबसे बड़े उंचे माउंंटेन किलिमंजारो पर इस भारतीय सिपाही ने तिरंगा लहराया और ये तिरंगा करीब 75 फीट लंबा था। इस कारनामे को करने के बाद वो अपने घर गाजियाबाद आए। यहां पर आने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव वाले साल में इस जंबाज सिपाही ने ये जो कारनामा कर दिखाया है अब उनकी चारों तरफ तारीफ हो रही है। बता दें कि अफ्रीका माउंटेन क्लीमिंजारो माउंटेन को सबसे खतरनाक माना जाता है। ऐसे में उस पर चढ़ाई करान कोई आसान काम नहीं हैं।

अफ़्रीका में बढ़ाया भारत का मान 

अफ्रीका में अपनी मेहनत के दम पर सबसे उंची चोटी पर भारतीय तिरंगे को लहराकर अपने वतन लौटे हिमांशु उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले हैं। मौजूदा वक्त में वह मेरठ की पीएएसी छठी वाहिनी में बतौर कांस्टेबल तैनात हैं। साल 2019 के दिसंबर में उन्होंने  पुलिस बल ज्वाइन किया था। हिमांशु का शुरु से ही सपना था कि वह भारत माता को सलाम करने दुनिया की सबसे उंटी चोटी पर जाए। इससे पहले भी कई बार हिमालय पर जाने की खबरें तो आपने कई बार सुनी होंगी। लेकिन ये पहली बार होगा जब एक भारतीय सिपाही ने 75 फीट लंबा तिरंगा फहराया हो।

दुनिया का सबसे लंबा खड़ा पहाड़

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक माउंट किलिमंजारो विश्व का सबसे लंबा पहाड़ है। बता दें कि इसका शिखर 5895 मीटक है और ये लगभग 19341 फीट औसत रूप में माना जा सकता है। यहां की रचना ज्वालामुखी शंकुओं से हुई है। इस माउंटेन की लंबाई खड़ी मानी है और ऐसे में इस चोटी को पार करना कोई आसान काम नहीं है। जो व्यक्ति शारीरिक रूप से सक्षम हो उसी को यहां जाने की इजाजत दी जाती है। कई लोग तो ऐसे होते है जो आधे रास्ते से ही वापस लौट आते हैं, भारत के लाल हिमांशु कुमार ने हार नहीं मानी और वह अपने मिशन के कामयाब होने के बाद ही घर वापस लौटे।

अमृत महोत्सव पर भारत माता को अफ्रीका से किया सलाम

अपनी इस उपलब्धि पर हिमांशु का कहना है कि पीएम मोदी जी का घर-घर तिरंगा अभियान चल रहा है। इसी बारे में मैं भी पिछले काफी समय से सोच रहा था कि अफ्रीका की सबसे उंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर जाना है। उनका कहना है कि वहां पर जाने का इससे अच्छा मौका मुझे मिल ही नहीं सकता था, क्योंकि इस साल देश ने आजादी के अमृत महोत्सव मनाया।

हिमांशु का जोरदार स्वागत

मांशु का कहना है कि इंडिया से 9 तारीख को हमारी फ्लाइट थी। 11 तारीख को हमने चोटी पर चढ़ना शुरू किया था। अपैक्स पर पहुंचने के लिए हमें 4 दिन लगे। माउंट किलिमंजारो की हाइट 5895 मीटर थी। उनका कहना है कि यह हमारा सपना था और हमने इसे पूरा किया है। हिमांशु ने कहा कि लोग अब बधाई देने के लिए आ रहे हैं, बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि लोग इतना बड़ा स्वागत करेंगे। हिमांशु का कहना है कि उनके परिवार में उनकी बड़ी बहन है जो टीचर हैं। उन्होंने काफी प्रेरित किया। हिमांशु का कहना है कि वह उत्तर प्रदेश पुलिस की पीएसी में कॉन्स्टेबल है, और फिलहाल मेरठ में तैनाती है। उन्होंने बताया कि मैं छुट्टी लेकर अपने खर्चे से गया था।

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