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Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद का एडिशनल एएसआई सर्वे कराने के लिए अब इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख करेगा हिंदू पक्ष, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने भी कर दिया बड़ा दावा

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वाराणसी। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के एडिशनल एएसआई सर्वे की हिंदू पक्ष की याचिका को स्थानीय कोर्ट ने ठुकरा दिया है। इसे मुस्लिम पक्ष ने इंसाफ की जीत बताया है। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कहा है कि वाराणसी कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि वाराणसी के कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश को नहीं माना है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से कहा था कि अगर 4 अप्रैल 2021 के अनुसार पहले दाखिल एएसआई रिपोर्ट संतोषजनक न हो, तो एडिशनल सर्वे की मांग जायज है।

वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद के मुख्य गुंबद और बाकी क्षेत्र में एएसआई के सर्वेक्षण की याचिका खारिज होने पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य का बड़ा बयान भी आया है। उन्होंने दावा करने के अंदाज में कहा कि हम हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि फैसला हमारे पक्ष में ही होगा।

बता दें कि पहले ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे हो चुका है। उस सर्वे में मुख्य मस्जिद, वजूखाना और कुछ अन्य जगह खोदाई वगैरा नहीं की गई थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी के मुख्य गुंबद के नीचे आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग है। हिंदू पक्ष ने वजूखाने में मिली एक आकृति को भी शिवलिंग बताया है। जबकि, मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बताता है। मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में कहा कि अगर मस्जिद के गुंबद और दूसरी जगह पर खोदाई हुई, तो इससे ढांचे को नुकसान पहुंच सकता है।

ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई का जो सर्वे हुआ था, उसमें प्राचीन हिंदू मंदिर होने के सबूत मिले थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वजूखाना को सील किया गया था और इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद को मुगल बादशाह औरंगजेब के जमाने में आदि विश्वेश्वर का प्राचीन मंदिर ध्वंस कर उसके ऊपर बनाया गया। ज्ञानवापी मस्जिद की पीछे की दीवार किसी हिंदू मंदिर की ही तरह है। इसके अलावा एएसआई सर्वे में पता चला कि ज्ञानवापी परिसर में जमीन के नीचे प्राचीन ढांचा है। साथ ही यहां से कई मूर्तियां वगैरा भी मिल चुकी हैं।

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