News Room Post

Salam Aarti : ऐतिहासिक कदम ! कर्नाटक के मंदिरों में अब नहीं की जाएगी टीपू सुल्तान के शासनकाल वाली ‘सलाम आरती’, बदला गया नाम

नई दिल्ली। कर्नाटक में एक मुस्लिम सुल्तान हुए टीपू सुल्तान। इतिहास में टीपू सुल्तान को अंग्रेजों का मुकाबला करने के लिए महान बताया गया है। विनीत टीपू सुल्तान के समय कर्नाटक के सभी मंदिरों में सलाम आरती हुआ करती थी। अब कर्नाटक के सभी मंदिरों में होने वाली “सलाम आरती” को अब “संध्या आरती” के नाम से जाना जाएगा। हिंदू मंदिरों की देखरेख करने वाली सर्वोच्च सरकारी संस्था ने शनिवार को छह महीने पुराने एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें टीपू सुल्तान के शासनकाल के समय से फारसी नाम से पुकारे जाने वाले इस परंपरा का नाम बदलकर संस्कृत में रखने की मंजूरी दी गई है। राज्य धार्मिक परिषद के सदस्य और विद्वान काशेकोडी सूर्यनारायण भट ने पहले कहा था कि ये नाम टीपू के शासनकाल के दौरान हिंदू मंदिरों पर लाद दिए गए थे।

इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि सलाम शब्द हमारा नहीं है। भाजपा शासित राज्य में मांड्या जिला प्रशासन ने मेलकोट में ऐतिहासिक चालुवनारायण स्वामी मंदिर से प्राप्त नामांतरण प्रस्ताव को परिषद को सौंप दिया गयाथा। मेलकोट मंदिर हैदर अली और बेटे टीपू के शासनकाल से हर दिन शाम 7 बजे “सलाम आरती (मशाल सलामी)” आयोजित कर रहा था। शनिवार को लिए गए इस फैसले के बाद बाद अब कर्नाटक के हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (मुजरई) को अब सीएम बसवराज बोम्मई से अंतिम मंजूरी मिलने की प्रतीक्षा है।

बता दें, इसके बाद केवल मेलकोट में बल्कि कर्नाटक के सभी मंदिरों में आरती का नाम बदलने का एक आधिकारिक ऑर्डर जारी किया जाएगा। शशिकला जोले ने इस बारे में अधिक बात करते हुए कहा, ”इन फारसी नामों को बदलने की मांग काफी पुरानी है। इसे मंगलारती नमस्कार या आरती नमस्कार जैसे पारंपरिक संस्कृत नाम देने की मांग थी। इतिहास को देखें तो हम वही वापस लाए हैं जो पहले चलन में हुआ करता था।”

Exit mobile version