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Chhattisgarh: 1,200 लोगों की हुई हिंदू धर्म में घर वापसी, दिवगंत भाजपा नेता के बेटे ने पांव धोकर किया स्वागत

CONVERSION

नई दिल्ली। किसी भी मनुष्य के जीवित रहने के लिए जिस तरह से शरीर, प्राण और आत्मा अपिहार्य तत्व मानें जाते हैं, ठीक उसी प्रकार से किसी भी देश के सहज संचालन हेतु रक्षा, धर्म व व्यापार मूलभूत तत्वों के रूप में देखें जाते हैं। अगर इतिहास की घटनाओं पर नजर डालेंगे, तो आपको मालूम पड़ेगा कि कैसे विदेशी आक्रांताओं ने देश को गुलाम बनाने हेतु इन्हीं तीनों मोर्चों पर ही हमला किया, ताकि हमारे देश को, हमारे लोगों को, हमारी सांस्कृतिक को और हमारे धर्म को हाशिए पर रखकर हमें गुलाम बनाए जाए। संभवत: आप इससे परीचित हो कि इन विदेशी हमलावरों ने रक्षात्माक व व्यापारिक मोर्चे पर गुलाम बनाने के बाद हमारे धर्म पर भी हमला किया है। भारी संख्या में हमारे लोगों का धर्मांतरण कराया गया। ऐसे में हमारी अपने ही भूमि में रहकर अपनी ही संस्कृति व धर्म से हमारे अपने लोग कब बिछड़ गए उन्हें खुद को ही इस बात का बोध नहीं रहा।

अधिकांश मामलों में देखा गया है कि इन धर्मांतरण का ठेका लेने वाले लोगों ने गरीबी का फायदा उठाकर भारी संख्या में लोगों का धर्मांतरण कराया, लेकिन अब जब हम स्वाधानिता प्राप्त कर चुके हैं, तो कुछ प्रबल प्रताप जूदेव जैसे भी लोग हैं, जिन्होंने धर्मांतरण के शिकार हुए लोगों को उनके मूल धर्म में वापसी कराने हेतु अभियान छेड़ दिया है। इसी क्रम में उन्होंने 300 परिवारों के 1200 लोगों की मूल धर्म में वापसी करा दी है। विगत शुक्रवार को घर वापसी मिशन के तहत जशपुर कुमार प्रबल प्रताप जुदेव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में रायगढ़ राजघराने के देवेंद्र प्रताप सिंह, आर्य समाज अशुंल देव, दीवान प्रदीप नारायण समेत अन्य लोग मौजूद थे।

वहीं, प्रबल प्रताप जूदेव सिंह ने कहा कि अब यह मेरे जीवन का उद्देश्य बन चुका है कि कालांतर में जिन लोगों को बाध्य करके धर्म परिवर्तन कराया गया है, उन्हें उनके मूल धर्म में वापस लाए जाए। इससे पूर्व उनके पिताश्री घर वापसी के अभियान में सक्रिय थे। वे अपने जीवनकाल में असंख्य लोगों की घर वापसी करा चुके हैं। अब उनके इस  अभियान को उनके  पुत्र अनवरत आगे बढ़ रहे हैं। इससे पहले भी वे कई घर वापसी अभियानों को संपन्न कर चुके हैं, लेकिन कोरोना के बाद उनके अभियानों में शिथिलता आ गई थी, लेकिन अब कोरोना के पूर्व दो वर्ष बाद वे 300 परिवारों के 1200 लोगों को उनके मूल धर्म में वापस लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 25 नवंबर को काफी संख्या में लोगों को उनके मूल धर्म में वापस लाने के लिए रूपरेखा तैयार कर जींवत करने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि अब उनके जीवन का यह एकमात्र ध्येय है कि वे जीवनपर्यंत धर्मांतरित हुए लोगों को उनके मूल धर्म में वापस लेकर आएंगे। बता दें कि प्रताप जूदेव सिंह के पिता बीजेपी के नेता रह चुके हैं। जूदेव ने आगे कहा कि उन्होंने कहा कि कालांतर में कुछ लोगों ने हमारे अपने लोगों की गरीबी का फायदा उठाकर उनका धर्मांतरण कराया है। उन्हें हम अपने धर्म में वापस लाने में जुटे हैं।

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