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Coonoor Chopper Crash: कैसे क्रैश हुआ था CDS रावत का हेलिकॉप्टर, घटना से ठीक पहले का Video आया सामने, दौड़ते दिखे लोग

bipin rawat

नई दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हादसे में देश ने अपना पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल खो दिया। घने इलाके में क्रैश हुए हेलिकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 11 लोगों की जान चली गई। इस घटना को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि खराब मौसम के कारण सेना का विमान हादसे का शिकार हुआ तो वहीं अब विमान से ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है। बता दें, ब्लैक बॉक्स हेलीकॉप्टर की अंतिम उड़ान स्थिति और अन्य पहलुओं के बारे में डेटा बता सकता है। भले ही इसे ब्लैक बॉक्स कहा जाता है, लेकिन उड़ान डेटा रिकॉर्डर को चमकीले नारंगी रंग में रंगा जाता है और यह उड़ान डेटा और कॉकपिट वातार्लापों को रिकॉर्ड करता है। हेलिकॉप्टर के अवशेषों की आगे की फोरेंसिक जांच से यह भी पता चल सकता है कि क्या दुर्घटना के बाहरी कारण थे।


अब एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि ये वीडियो घटना से पहले का है जब विमान हवा में था। वायरल हो रहे इस वीडियो में सेना का हेलीकॉप्टर नजर आ रहा है। वहीं कुछ लोग जमीन पर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में ये हेलिकॉप्टर कुछ समय के लिए दिखाई देता है फिर अचानक ही गायब हो जाता है। वीडियो में हेलिकॉप्टर की आवाज भी सुनी जा सकती है। हालांकि इस वीडियो की हम पुष्टि नहीं करते।

विजिबिलिटी कम होने की वजह हुआ हादसा!

हेलिकॉप्टर क्रैश होने के पीछे माना जा रहा है कि मौसम खराब होने के कारण विजिबिलिटी कम थी। शायद यही कारण था कि हेलिकॉप्टर को कम ऊंचाई पर उड़ान भरनी पड़ी। वहीं नीचे घना जंगल था जिसकी वजह से हेलिकॉप्टर की क्रैश लैंडिंग हुई हो।

क्रैश के बाद जिंदा थे जनरल रावत

मामले से जुड़ी एक और जानकारी सामने आ रही है। दावा किया जा रहा है कि हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद सीडीएस जनरल बिपिन रावत जिंदा थे। हालांकि उनके शरीर का निचला हिस्सा जल चुका था लेकिन वो बावजूद इसके अपना नाम बताने में सक्षम थे। बचाव दल में शामिल वो शख्स जो कि चॉपर के बिखरे पड़े मलबे के पास पहुंचा सबसे पहले पहुंचा था उसका कहना था कि ‘हमने 2 लोगों को जिंदा बचाया, जिनमें से एक सीडीएस बिपिन रावत थे। उन्होंने धीमी आवाज में अपना नाम बताया। उनकी मौत अस्पताल जाते वक्त रास्ते में हुई। हम उस वक्त जिंदा बचाए गए दूसरे शख्स की पहचान नहीं कर सके। बचावकर्मी के मुताबिक, सीडीएस जनरल बिपिन रावत के शरीर का निचला हिस्सा बुरी तरह से जल चुका था। उन्हें बचाने के लिए बेडशीट में लपेट कर एंबुलेंस में ले जाया गया। जो राहत टीम वहां पहुंची थी उन्होंने ये भी जानकारी दी कि जलते विमान के मलबे को बुझाने के लिए फायर सर्विस इंजन घटना स्थल तक ले जाया जा सके इसके लिए भी वहां सड़क नहीं थी। वो आसपास के घरों और नदियों से पानी लाकर ही हेलिकॉप्टर की आग को बुझाने की कोशिश कर रहे थे।

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