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Data Protection Act: डेटा प्रोटक्शन एक्ट से क्या बदलेंगे नियम, कितनी सेफ होगी आपकी जानकारी? अश्विनी वैष्णव ने सब बताया

Data Protection Act: साक्षात्कार के दौरान, अश्विनी वैष्णव ने खुलासा किया कि नियमों का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है। तकनीकी प्रगति के लिए चपलता और अनुकूलनशीलता पर ध्यान देने के साथ, इन नियमों को स्पष्ट और स्पष्ट तरीके से तैयार किया जाएगा।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डेटा संरक्षण कानून को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद केंद्र ने आधिकारिक तौर पर इसे अपनाने की घोषणा कर दी है। अब कानून लागू हो चुका है और राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हो चुकी है, इसके प्रावधानों और इसके कार्यान्वयन की समयसीमा के संबंध में सवाल लाजिमी हैं। इन चिंताओं को हाल ही में एक साक्षात्कार में इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संबोधित किया था। साक्षात्कार के दौरान, अश्विनी वैष्णव ने खुलासा किया कि नियमों का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है। तकनीकी प्रगति के लिए चपलता और अनुकूलनशीलता पर ध्यान देने के साथ, इन नियमों को स्पष्ट और स्पष्ट तरीके से तैयार किया जाएगा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नियम कानून की तरह ही सीधे होंगे। अश्विनी वैष्णव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हमारे प्रधान मंत्री ने प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण किया है, इसका लाभ सबसे गरीब व्यक्तियों और दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचाया है। डिजिटल सेवाओं को सबसे जमीनी स्तर तक भी बढ़ाया जा रहा है। कानून और विनियमों की रूपरेखा इस सिद्धांत को प्रतिबिंबित करेगी। उन्होंने आगे बताया कि आने वाले महीनों में नियमों को सार्वजनिक किया जा सकता है। साथ ही, एक स्वतंत्र डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना के प्रयास भी प्रगति पर हैं। इस संदर्भ में आने वाले महीनों का महत्वपूर्ण महत्व होने की उम्मीद है। मंत्री [नाम] ने जोर देकर कहा कि बोर्ड स्वतंत्रता और स्वायत्तता के साथ काम करेगा।

इस समय देश डेटा संरक्षण कानून के कार्यान्वयन के लिए तैयारी कर रहा है, नियमों का सावधानीपूर्वक निर्माण एक व्यापक और प्रभावी रूपरेखा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। साल 2023 में ही कोविन डाटा लीक को लेकर सरकार पर सवाल उठाए गए थे। ऐसे में डाटा का संरक्षण बेहद जरूरी है।

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