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J-K: हुर्रियत कांफ्रेंस पर चलेगा मोदी सरकार का हथौड़ा, दोनों धड़ों के खिलाफ इस एक्शन की है तैयारी

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में पिछले दो दशक से अधिक समय में अलगाववादी गतिविधियों की अगुवाई करने वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों को मोदी सरकार बड़ा एक्शन ले सकती है। दरअसल केंद्र सरकार हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दोनों गुटों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। दोनों धड़ों पर कड़े गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंध लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अलगाववादी हुर्रियत नेताओं के इशारे पर पाकिस्तान में कथित तौर पर एमबीबीएस सीटों की व्यवस्था करने के आरोप में पाकिस्तान में रह रहे दो लोगों सहित कुल छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग (कश्मीर) द्वारा जारी एक बयान में कहा था कि, छह व्यक्ति – श्रीनगर के बाग-ए-मेहताब निवासी साल्वेशन मूवमेंट के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर भट उर्फ जफर भट, पट्टन, बारामूला निवासी फातिमा शाह, कुपवाड़ा निवासी मोहम्मद अब्दुल्ला शाह, शांगस अनंतनाग निवासी सबजार अहमद शेख, बाग-ए-मेहताब श्रीनगर निवासी अहमद भट, वर्तमान में बहरिया शहर, कराची, पाकिस्तान और मंजूर अहमद शाह, निवासी कुपवाड़ा और वर्तमान में उच्च न्यायालय, रावलपिंडी, पाकिस्तान के पास गुलमोहर कॉलोनी के रहने वाले आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

पुलिस के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत एकत्र किए जा रहे हैं। विश्वसनीय साक्ष्य एकत्र करने के साथ ही वह रिकॉर्ड में भी रखे जाएंगे। बयान में यह भी कहा गया कि, काउंटर-इंटेलिजेंस विंग के पास विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी थी कि कुछ हुर्रियत नेताओं सहित कई बेईमान व्यक्ति, कुछ शैक्षिक परामर्शदाताओं के साथ हाथ मिलाए हुए हैं और पाकिस्तान स्थित एमबीबीएस सीटें और अन्य महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रोफेशनल कोर्स की सीटें बेची जा रही हैं।

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का गठन 1993 में हुआ था, जिसमें कुछ पाकिस्तान समर्थक और जमात-ए-इस्लामी, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) और दुख्तरान-ए-मिल्लत जैसे प्रतिबंधित संगठनों समेत 26 समूह शामिल हुए।

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