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Rajasthan Assembly Election 2023: ‘CM पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन…’, मुख्यमंत्री गहलोत के बयान से मची खलबली

नई दिल्ली। आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। सियासी बयानबाजी अपने चरम पर है। हर कोई दावा कर रहा है कि इस बार सूबे में हमारी सरकार आएगी, तो कोई कह रहा है कि हमारी सरकार आएगी, लेकिन आएगी किसकी? यह कह पाना फिलहाल मुश्किल है, क्योंकि ना ही अभी तक चुनाव हुए हैं और ना ही नतीजों की घोषणा हुई, मगर इस बीच जिस तरह की सियासी बयानबाजी हो रही है, उसे ध्यान में रखते हुए सूबे का सियासी पारा अपने चरम पर पहुंच चुका है।

वहीं, आज दिल्ली में प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगामी राजस्थान चुनाव को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसके बाद सियासी सरगर्मी तेज हो चुकी है। दरअसल, प्रेसवार्ता में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस की रवायत है कि यहां जिसे सीएम कैंडिडेट के लिए खड़ा किया जाता है, वो कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पाता है और जिसे मुख्यमंत्री के रूप में नहीं खड़ा किया जाता, वो मुख्यमंत्री बन जाता है।

अब आप मुझे ही देख लीजिए। 2018 के चुनाव में मुझे कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया था, लेकिन सोनिया गांधी जी की मुझे पर अनुकंपा रही और मैं इस पद पर काबिज होने में कामयाब रहा। हालांकि, मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं इस पद पर काबिज नहीं होना चाहता हूं। मुझे मुख्यमंत्री बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं तो इस पद नहीं रहना चाहता हूं। लेकिन जनता के प्यार की वजह से मैं इस पद पर हूं, क्योंकि जनता नहीं चाहती है कि मैं इस पद से अपदस्थ रहूं। इसके अलावा सीएम गहलोत ने अपने और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच जारी कटुता पर भी अपनी बात रखी। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने इस विषय पर क्या कहा?

उधर, सचिन पायलट से जारी वैमनस्य पर सीएम गहलोत ने कहा कि मेरा उनसे किसी बात पर कोई गिला शिकवा नहीं है और ना ही किसी पर मतभेद। हम दोनों के बीच सबकुछ ठीक है। हालांकि, हम दोनों के बीच पूर्व में कुछ बातों को लेकर मतभेद थे, जिसे हम सब भुला चुके हैं। वहीं, पायलट समर्थकों के टिकट भी क्लियर किए जा चुके हैं। वहीं, सीएम गहलोत ने 2020 में आए सियासी संकट का भी जिक्र किया। जिसमें उन्होंने कहा कि जब मेरी सरकार पर संकट आया था, तो मेरे मुंह से निकल गया था कि वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की भी वही राय थी कि मेरी सरकार ना गिरे।

उधर, गहलोत ने प्रधानमंत्री का जिक्र कर कहा कि मोदी जी कहते हैं कि मैं फकीर आदमी हूं। झोला उठाकर निकल लूंगा, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कह देना चाहता हूं कि मैं उनसे भी बड़ा फकीर हूं। मैंने अपने जीवन में एक इंच जमीन भी नहीं खरीदी है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में राजस्थान की राजनीति में क्या कुछ देखने को मिलता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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