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Chithara Land Scam: चिटहरा भूमि घोटाले में उत्तराखंड के IAS और IPS भी शामिल, 9 लोगों के खिलाफ FIR  

DADRI THANA NOIDA

नई दिल्ली। एक मामले ने उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में तहलका मचा दिया है। मामला अवैध तरीके से खरीद गई जमीन को लेकर है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के गौतम बुध नगर जिले में सैकड़ों एकड़ जमीन घोटाले के मामले में जिले की पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिसमें उत्तराखंड में IAS और IPS के अफसरों के परिजनों के नाम भी सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश और उतराखंड का कुख्यात गैंगस्टर यशपाल तोमर की काले कारनामों का चिट्ठा खुलने से कई अन्य नई बातें भी सामने आने लगी हैं। बताया जा रहा है यशपाल तोमर की 200 करोड़ से भी ज्यादा संपत्ति को बनाने उत्तराखंड के कई सरकारी अफसरों की भी हाथ है।  मीडिया रिपोट्स के मुताबिक यशपाल तोमर ने उत्तराखंड के प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर दी। इन सब बातों का खुलासा यूपी के नोएडा में स्थित दादरी थाने में दर्ज मुकदमे के दौरान हुआ। अब जिन IAS अफसरों के यशपाल तोमर के साथ नाम सामने आए हैं, उन सब के खिलाफ मुकदमें दर्ज कर लिए गए हैं।

मामला क्या है?

दरअसल, गोतमबुद्ध नगर के नोएडा के दादरी थाने के ग्राम चिटहरा में जुलाई 1997 के साल में प्रबंधन समिति द्वारा 282 लोगों को कृषि भूमि के आवंटन के लिए प्रस्ताव दिया था। उस वक्त आरोपी यशपाल तोमर ने कर्मवीर, बेलु और कृष्णपाल के नाम पर और चिटहरा निवासी बनाकर जमीन इनके नाम करवाई। बता दें कि ये लोग यशपाल तोमर के गांव के रहने वाले थे। लेकिन जब इसकी जांच हुई तो पता चला कि ये लोग बहुत गरीब हैं और पढ़ना लिखना भी नहीं जानते हैं। इस प्रकरण में उत्तराखंड के हरिद्वार में डीएम और एसएसपी के पद पर तैनात रह चुके अफसरों ने गैंगस्टर यशपाल तोमर की मदद की थी। इस मामले के लिए उन सभी अफसरों के परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उनमें एमडीडीए (मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण) सचिव आईएएस बृजेश संत के पिता का केएम संत उर्फ खचेरमल का नाम FIR में शामिल है। इसके साथ ही उत्तराखंड के डीआईजी राजीव स्वरूप की माता सरस्वती देवी का नाम FIR में शामिल है। मीनाक्षी सुंदरम हरिद्वार में जिलाधिकारी रह चुके हैं। राजीव स्वरूप दो बार हरिद्वार में कप्तान रह चुके हैं और बृजेश संत हरिद्वार के डीएम रह चुके हैं।

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