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Mallikarjun Kharge: ‘फिर से अगर नरेंद्र मोदी पीएम बने तो…’, मल्लिकार्जुन खरगे ने कह दी ऐसी बात

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हिंदुस्तान की राजनीति में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं, जहां एक तरफ नीतीश कुमार ने पाला बदलकर एनडीए का दामन थाम लिया है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बिहार की सरजमीं पर दाखिल हो चुकी है। इसके अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार पर ईडी की गाज लगातार गिरती जा रही है। कुल मिलाकर मौजूदा स्थिति एनडीए के पक्ष में ही नजर आ रही है।

उधर, बीते दिनों जब मीडिया ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से सवाल किया था कि क्या नीतीश कुमार के पाला बदल लेने से इंडिया गठबंधन पर कोई असर पड़ेगा, तो इस पर उन्होंने दो टूक कहा था कि उनके चले जाने से गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इस बात को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है कि नीतीश कुमार ही वो शख्स हैं, जिन्होंने राजधानी पटना में इंडिया गठबंधन की नींव रखी थी। सियासी विश्लेषक मानते हैं कि प्रधानमंत्री बनने के अपने अर्सों पुराने ख्वाब को मुकम्मल करने के मकसद से उन्होंने इंडिया गठबंधन की नींव रखी थी, लेकिन जब बीते दिनों मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया था, तो नीतीश कुमार को शक हो गया कि उन्हें यहां भाव नहीं मिलने वाला है।

हालांकि, इंडिया गठबंधन के वरिष्ठ नेता नीतीश की नाराजगी को काफी पहले ही भांप चुके थे, लिहाजा उन्हें संयजोक बनने का प्रस्ताव दिया गया, मगर उन्होंने इस प्रस्ताव को भी सिरे से खारिज कर दिया, जिसके बाद यह साफ हो चुका था कि वो अब आगामी दिनों में धमाकेदार कदम उठाने जा रहे हैं। हालांकि, इससे पहले वो ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी से अपदस्थ कर खुद पार्टी की कमान अपने हाथ में ले चुके थे। वहीं, अपना पूरा बैकअप प्लान तैयार करने के बाद आखिरकार उन्होंने एनडीए का दामन थामकर 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ही ली। वहीं, आज ओडिशा के भुवनेश्वर में एक सभा को संबोधित करने के क्रम में मल्लिकार्जुन खऱगे ने स्पष्ट कर दिया कि नीतीश के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इंडिया गठबंधन मोदी सरकार के विजयी दुर्ग को ध्वस्त करके ही दम लेगी। उधर, खरगे ने आगे कहा कि, ‘ अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से चुनाव जीतते हैं, तो इससे देश में तानाशाही की जीत होगी।

उन्होंने कार्यकर्ताओं से आरएसएस से दूर रहने का आग्रह किया है। खरगे ने आगे कहा कि अगर आज चुनाव होते हैं, तो ये आखिरी चुनाव होगा। अगर देश में चुनाव होंगे, तो इससे तानाशाही आ जाएगी। परिस्थितियां दुर्लभ हो जाएगी। कोई किसी की बात मानने के लिए तैयार नहीं होगा।

उन्होंने नीतीश का नाम लिए बगैर कहा कि कोई डरकर पार्टी छोड़ रहा है तो कोई गठबंधन छो़ड़ रहा है। अरे तुम इतना ही डरोगे तो ये देश बचेगा कैसे ? इससे क्या देश का लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा, तो कुल मिलाकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे देश में नीतीश के पाला बदल लेने से हिंदुस्तान की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। ध्यान दें, पिछले कई दिनों से नीतीश कुमार की एनडीए से नजदीकियां बढ़ रही थी। बीते दिनों जब केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को गणतंत्र दिवस से पूर्व भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया था, तो नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की तारीफ की थी और उन्होंने यह भी कहा था कि वो पिछले कई सालों से यह मांग कर रहे थे, लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने इस दिशा में ध्यान नहीं दिया। यही नहीं, कर्पूरी आवास में नीतीश कुमार ने बाकायदा परिवारवादी राजनीति पर भी निशाना साथा था। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि हमने आज तक अपने परिवार के किसी भी सदस्य को राजनीति में बढ़ाने का प्रयास नहीं किया। हमेशा से ही जनहित में काम किया है, लेकिन आजकल लोग अपने ही परिवार को बढ़ाने का प्रयास करते हैं। हालांकि, इस दौरान उन्होंने किसी विशेष नेता का जिक्र अपने संबोधन में नहीं किया था, मगर सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई थी कि नीतीश ने यहकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लिया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में नीतीश कुमार का अगला कदम क्या रहता हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम छोटी बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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