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Bharat Jodo Nyay Yatra: ’22 तारीख को कुछ हुआ तो..’, नहीं थम रहा राहुल और CM हिमंता के बीच विवाद, अब मुख्यमंत्री ने..!

Bharat Jodo Nyay Yatra: सीएम हिमंता बिस्वा का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने राहुल को आगामी 22 जनवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के रूटो में बदलाव को करने को कहा है, क्योंकि इस दिन अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राम मंदिर का उद्घाटन होगा, जिसे ध्यान में रखते हुए पूरे देश में सुरक्षा-व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है।

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत की है। फिलहाल, यह यात्रा बीजेपी शासित राज्य असम में है, लेकिन इस बीच यात्रा के रूट को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सीएम हिमंता बिस्वा के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है। बिस्वा राहुल गांधी द्वारा निर्धारित किए गए रूटों पर यात्रा को निकालने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। उधर, कांग्रेस के कोषाध्य़क्ष अजय माकन ने यह कहकर इस विवाद को और ज्यादा तूल दे दिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, यात्रा तो पूर्व निर्धारित रूटों से ही होकर निकलेगी।

इस बीच आज सीएम हिमंता बिस्वा का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने राहुल को आगामी 22 जनवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के रूटो में बदलाव को करने को कहा है, क्योंकि इस दिन अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राम मंदिर का उद्घाटन होगा, जिसे ध्यान में रखते हुए पूरे देश में सुरक्षा-व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है। इसके अलावा पूरी अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिसबलों की तैनाती है, जो कि हर गतिविधियों पर नजर बनाए हुई है। वहीं, अब सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने राहुल गांधी को स्पष्ट कर दिया है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को ध्यान में रखते हु्ए उन्हें अपने यात्रा के रूटो को लेकर फेरबदल करना होगा। बता दें कि 22 जनवरी को राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा असम के मोरीगांव से शुरू होकर जागीरोड पर खत्म होगी, लेकिन मगर यह दोनों ही इलाके प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिहाज संवेदनशील हैं, क्योंकि यहां 60 फीसद हिंदू और 40 फीसद मुस्लिमों की आबादी है, जिसे ध्यान में रखते हुए हिमंता ने राहुल से रूटो में बदलाव करने को कहा है, लेकिन कांग्रेस किसी भी प्रकार के फेरबदल से इनकार कर रही है। असम सरकार का कहना है कि ये दोनों ही इलाके संवेदनशील है। यहां कुछ भी हो सकता है। धार्मिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमें कोई भी कदम उठाने से पूर्व सावधानी बरतनी होगी, लेकिन अब कांग्रेस का क्या रुख रहता है। ये देखने वाली बात होगी।


हालांकि, सीएम हिमंता ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर राहुल गांधी हमारी बात नहीं मानते हैं, तो हम बलपूर्वक उनकी यात्रा को नहीं रोकेंगे। हमें उन सभी रूटो पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने होंगे। पुलिसबलों की तैनाती बढ़ानी होगी। अब अगर यहां कुछ हुआ, तो केंद्र मुझसे सवाल कर सकती है कि आपने राहुल को यात्रा निकालने की इजाजत क्यों दी? बता दें कि जब से राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा असम पहुंची है, तभी बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग जारी है। बीते दिनों राहुल ने सीएम हिमंता को देश का सर्वाधिक भ्रष्ट सीएम तक बता दिया था।

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