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Allahabad: अजान विवाद पर एक्शन में IG प्रयागराज रेंज, रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर पर रोक

नई दिल्ली। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति ने प्रयागराज जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा मस्जिद के लाउडस्पीकर से गूंजने वाली अजान की आवाज से उनकी नींद में खलल पैदा हो रही है। इस पर कार्रवाई की जाए। बता दें कि अजान की आवाज से टूट रही नींद से परेशान होकर कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की। गौरतलब है कि कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी को भेजे गए अपने पत्र में लिखा कि, प्रतिदिन सुबह लगभग साढ़े पांच बजे उनके आवास के नजदीक स्थित मस्जिद से लाउडस्पीकर पर होने वाली अजान से उनकी नींद टूट जाती है और उसके बाद तमाम कोशिश के बाद भी वह सो नहीं पातीं। ऐसा होने से दिनभर सिरदर्द बना रहता है और कामकाज भी प्रभावित होता है।

इस मामले पर जमकर बवाल हुआ और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने संगीता को गंगा-जमुनी तहजीब की याद दिलाई। हालांकि इसके बाद खबर आई कि वहां मस्जिद के लाउडस्पीकर का मुंह दूसरी तरफ मोड़ दिया गया है। मामले ने तूल पकड़ा तो मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने लाउडस्पीकर की संख्या चार से घटाकर दो कर दी। लाउडस्पीकर का वॉल्यूम भी घटा दिया है। लाउडस्पीकर की दिशा भी कुलपति के आवास की ओर से बदल दी गई है। लेकिन अब खबर आ रही है कि इस मामले को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। प्रयागराज (इलाहाबाद) के आईजी केपी सिंह की तरफ से रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने पर पूरी तरह रोक लगाने का निर्देश दिया गया है। सूचना है कि इस बारे में रेंज के सभी डीएम और एसएसपी को पत्र भेजा है। पत्र के जरिए पॉल्यूशन एक्ट, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन कराने को कहा गया है। आईजी के अनुसार पॉल्यूशन एक्ट में भी रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर बजाने की मनाही है।

‘अजान लाउडस्पीकर के बगैर कर सकते हैं’

पत्र में आगे लिखा गया है कि एक पुरानी कहावत है, ‘आपकी स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है जहां से मेरी नाक शुरू होती है’, यहां बिल्कुल सटीक बैठती है। हालांकि कुलपति  श्रीवास्तव ने पत्र में यह भी साफ किया है कि वह किसी सम्प्रदाय, जाति या वर्ग के खिलाफ नहीं हैं। वह अपनी अजान लाउडस्पीकर के बगैर कर सकते हैं जिससे दूसरों की दिनचर्या प्रभावित न हो। आगे ईद से पहले सहरी की घोषणा भी सुबह चार बजे होगी। यह भी उनके और दूसरों की परेशानी की वजह बनेगा।

हाईकोर्ट के आदेश का हवाला

कुलपति ने पत्र में भी कहा है कि भारत के संविधान में सभी वर्ग के लिए पंथनिरपेक्षता और शांतिपूर्ण सौहार्द की परिकल्पना की गई है। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश (पीआईएल नंबर- 570 ऑफिस 2020) का हवाला भी दिया है। साथ ही कहा है कि आपकी (जिलाधिकारी) त्वरित कार्रवाई की बड़े स्तर पर सराहना होगी और प्रभावित लोगों को लाउडस्पीकर के तेज आवाज से होने वाली अनिद्रा से निजात व शांति मिलेगी।

इस बारे में DIG सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि इससे जुड़ा हमें कुछ दिनों पहले एक लेटर मिला था। इस प्रकरण में संबंधित अधिकारी को जांच कर वैधानिक कार्रवाई करने का लिए निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी के अनुसार इस प्रकरण से जुड़ा पत्र प्राप्त हुआ है। जिसे अभी देखा है। नियम संगत कार्रवाई की जाएगी।

सोनू निगम ने भी जताई थी अजान की आवाज पर आपत्ति

बता दें कि इससे पहले मशहूर गायक सोनू निगम ने भी अजान की आवाज को लेकर आपत्ति जताई थी। सोनू निगम की इस आपत्ति पर काफी विवाद भी हुआ था। इस मामले में कई कट्टरपंथी संगठनों ने उन्हें लेकर उग्र धमकियां भी दी थीं। दरअसल सोनू निगम ने अपने ट्वीट में कहा था कि अगर वो मुस्ल‍िम नहीं हैं तो मस्जिद की अजान की आवाज से उनको क्यों रोज सुबह उठना पड़ता है। साथ ही उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह भी लिखा कि कब तक हम लोगों को ऐसी धार्मिक रीतियों को जबरदस्ती ढोना पड़ेगा।

मुस्लिम धर्मगुरु ‘अजान’ पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति के रूख की कर रहे हैं निंदा

इस मामले पर अब बवाल बढ़ गया है और इसको लेकर ऐशबाग ईदगाह के जाने-माने सुन्नी धर्मगुरु और इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की कड़ी निंदा की है। संगीता ने कहा था कि अजान से उनकी नींद खराब हो जाती है। एक वीडियो संदेश में, मौलवी ने कहा कि संगीता श्रीवास्तव को क्षेत्र की ‘गंगा-जमुनी’ तहजीब से वाकिफ होना चाहिए जो विभिन्न धर्मों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर जोर देता है।


उन्होंने कहा, “लोग, जमाने से एक-दूसरे के धर्मों का सम्मान करते हैं। ‘अजान’ की आवाज अक्सर मंदिरों से भजन की आवाज के साथ बजती है और किसी ने कभी नहीं कहा कि उनकी नींद इस वजह से खराब हुई है। इस संबंध में पहले से ही हाईकोर्ट का एक आदेश है, जिसका अनुपालन सभी मस्जिदों द्वारा किया जा रहा है।” उन्होंने आगे लोगों से अपील की कि वे ऐसे मुद्दों की अनदेखी करें और ऐसे मामलों पर दूसरों को गुमराह न करें।

वहीं संगीता श्रीवास्तव की इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि इस देश में सभी धर्म को लोग रहते हैं सभी तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी मुसलमान मंदिर से आने वाले भजनों की आवाज पर विरोध नहीं करता है। उन्होंने कहा कि अजान से कुलपति साहिबा के नींद में खलल वाली बात समझ से परे है। उन्होंने आगे कहा कि ये एक सोची समझी साजिश के तहत इस मुद्दे को बड़ा बनाने के लिए लिखा गया पत्र है। उन्होंने कहा कि इस तरह के पत्र का एक और एक मकसद है कि किसी भी तरह से अजान पर पाबंदी लगवाई जाए।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति ने जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा था, जिसमें दावा किया गया था कि पास की एक मस्जिद से होने वाली ‘अजान’ के कारण उनकी नींद में खलल पड़ती है, जिसके कराण उनके सिर में दर्द होता है और काम के घंटे भी प्रभावित होते हैं।

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