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Weather Update: पड़ेंगी मॉनसून की बौछारें या भीषण गर्मी सताएगी?, मौसम विभाग ने बताया अगले कुछ दिन में क्या होने वाला है

Weather Update: पहले मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि इस साल मॉनसून में औसत से ज्यादा बारिश होगी। इसकी वजह ला नीना प्रभाव है। ला नीना के कारण प्रशांत महासागर की सतह का तापमान जमीन से ज्यादा हो जाता है। साल 2024 में भी ला नीना प्रभाव के कारण देश में औसत से ज्यादा मॉनसून की बारिश हुई थी। इस बार मॉनसून समय से पहले ही केरल पहुंच गया। हालांकि, अभी उत्तर भारत में बारिश के आसार नहीं दिख रहे हैं।

नई दिल्ली। इस बार जब मॉनसून ने 1 जून की जगह 27 मई को ही केरल में प्रवेश किया और तेजी से आगे बढ़ा, तो लग रहा था कि जल्दी ही दिल्ली समेत देश के मैदानी इलाकों में बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा। हालांकि, बीते दिनों दिल्ली और मैदानी इलाकों के कई राज्यों में कुछ बारिश हुई, लेकिन फिर सूरज बहुत आग बरसाने लगा है। ऐसे में लोगों के मन में यही विचार आ रहे हैं कि मॉनसून की बौछारें कब पड़ेंगी या भीषण गर्मी सताती रहेगी? मौसम विभाग ने ऐसे में ताजा भविष्यवाणी की है कि अगले कुछ दिन देश का मौसम कैसा रहने वाला है।

भारतीय मौसम विभाग यानी आईएमडी के वैज्ञानिक नरेश कुमार ने बताया कि अभी तापमान या तो सामान्य या उससे कुछ कम है, लेकिन अगले 4-5 दिन में तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उत्तर-पश्चिम भारत खासकर पश्चिमी राजस्थान में 9 जून को हीटवेव यानी लू चल सकती है। मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक पंजाब, हरियाणा और यूपी के दक्षिणी हिस्सों और मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से में 10 जून को हीटवेव का असर दिखने के आसार हैं। नरेश कुमार के मुताबिक पूरे दक्षिण भारत में 3-4 दिन बाद मॉनसून एक बार फिर सक्रिय होगा।

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि मॉनसून के सक्रिय होते ही केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में एक बार फिर जबरदस्त बारिश का दौर देखने को मिलेगा। उन्होंने दिल्ली के बारे में कहा कि देश की राजधानी में हीटवेव यानी लू चलने की आशंका नहीं है। हालांकि, 10 या 11 जून तक दिल्ली में तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। मौसम वैज्ञानिक नरेश कुमार के मुताबिक एनसीआर के इलाके के लिए उनका विभाग कोई अलर्ट जारी नहीं कर रहा। इससे पहले मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि इस साल मॉनसून में औसत से ज्यादा बारिश होगी। इसकी वजह ला नीना प्रभाव है। ला नीना के कारण प्रशांत महासागर की सतह का तापमान जमीन से ज्यादा हो जाता है। साल 2024 में भी ला नीना प्रभाव के कारण देश में औसत से ज्यादा मॉनसून की बारिश हुई थी।

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