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ऑनलाइन गेम्स में भारतीयता की छाप, छात्रों को मिलेगा रोजगार

ऑनलाइन गेम्स (Online Games) के क्षेत्र में अब भारतीय छात्रों के लिए रोजगार के नए अवसर खुल सकते हैं। ऑनलाइन गेम्स और खिलौना बनाने की तकनीक जैसे क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय छात्रों का सहयोग करेगा।

नयी दिल्ली। ऑनलाइन गेम्स (Online Games) के क्षेत्र में अब भारतीय छात्रों के लिए रोजगार के नए अवसर खुल सकते हैं। ऑनलाइन गेम्स और खिलौना बनाने की तकनीक जैसे क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय छात्रों का सहयोग करेगा। भारतीय छात्रों की प्रतिभा उभारने के लिए शिक्षा मंत्रालय जल्द ही ‘ऑनलाइन गेम्स’ के विषय पर राष्ट्रीय स्तर का एक हैकथॉन (Hackathon) भी आयोजित करने जा रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित स्कूली छात्रों को अब भारतीय खिलौना कला से अवगत कराया जाएगा। स्कूल जाने वाले छात्रों के बीच खिलौना और कठपुतली बनाने का कौशल विकसित किया जाएगा। खिलौना और कठपुतली बनाने की कला सिखाने के लिए छात्रों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। छात्रों को दिया जाने वाला यह प्रशिक्षण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) ने कहा, जल्द ही ऑनलाइन गेम सहित खिलौना प्रौद्योगिकी और डिजाइन में नवाचार के माध्यम से उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों के लिए एक हैकथॉन का आयोजन किया जाएगा। यह हैकथॉन भारतीय लोकाचार और मूल्यों को प्रतिबिंबित करने वाली प्रौद्योगिकी और डिजाइन पर आधारित होगा।

केंद्रीय मंत्री निशंक ने खिलौना उद्योग एवं ऑनलाइन गेम्स के क्षेत्र में संभावित रोजगार के विषय पर कहा, जैसा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना समय की जरूरत है। हमारे खिलौने के बाजार में बहुत बड़ी संभावनाएं हैं और छात्र इसका उपयोग करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। निशंक ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के दृष्टिकोण के अनुरूप, स्कूली छात्रों के बीच खिलौना और कठपुतली बनाने का कौशल विकसित किया जाएगा। इसे ‘कला उत्सव’ की एक थीम के रूप में पेश किया जाएगा जो छात्रों को विभिन्न स्थानीय खिलौनों का पता लगाने और विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्कूल में पढ़ने और पढ़ाने की प्रक्रिया में कई मूल बदलाव होंगे। स्कूली छात्रों की पाठ्य पुस्तकों में भी कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। जहां एक ओर छात्रों को नए पाठ्यक्रम के अंतर्गत सीखने के अधिक अवसर प्राप्त होंगे वहीं शिक्षकों को भी पढ़ाई के नए तौर तरीके अपनाने होंगे।

शिक्षा नीति के तहत स्कूल पाठ्यक्रम के बोझ में कमी, लचीलापन, रटकर सीखने के बजाय रचनात्मक तरीके से सीखने पर जोर दिया जाएगा। एक-राष्ट्र, एक-डिजिटल मंच के माध्यम से शिक्षा मंत्रालय हर छात्र को सीखने की प्रक्रिया से जोड़ने का प्रयास करेगा। प्रत्येक छात्र को कनेक्टिविटी और शिक्षा के माध्यम तक पहुंच दिलाने की कोशिश की जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्कूली शिक्षा में बड़े बदलाव किए गए हैं। स्कूली शिक्षा के लिए एक नयी विकास-उपयुक्त पाठ्यचर्या और शैक्षणिक संरचना की गई है।

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