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Hyderabad: बुर्का पहनी महिलाओं का उत्पात, पंडाल में घुसकर मां दुर्गा की मूर्तियों को तोड़ा, अब पुलिस ने सिखाया कड़ा सबक

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों ही मुस्लिम महिलाओं को उपचार चल रही है। दोनों ही हैदराबाद में अपने अपने बूढ़े माता-पिता के साथ रहती हैं। पुलिस ने दोनों को अस्पताल में भेज दिया है, जहां मेडिकल रिपोर्ट के सात इन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। उधर, मामले की जानकारी लगते ही स्थानीय लोगों ने दोनों ही महिलाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

Maa durga

नई दिल्ली। नवरात्र के पहले दिन हैदराबाद में दो मुस्लिम महिलाओं को पुलिस ने मां दुर्गा की मूर्ति को खंडित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। दोनों ही महिलाओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 295, 295-ए, 451, 504 आर/डब्ल्यू 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, दोनों ही महिलाएं मानसिक रूप से बीमार हैं। दोनों ने मंदिर में रखी मां दुर्गा की मूर्ति को खंडित करने के बाद मदर मैरी की मूर्ति को भी नुकसान पहुंचाया है। जिसके बाद दोनों ही दूसरे मंदिर में मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने गए थे, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने इन्हें धर दबोचा। उधर, मुस्लिम महिला के भाई के मुताबिक, दोनों ही महिलाएं पैरानॉयड सिजोफ्रेनिय से पीड़ित हैं। इस बीमारी में मरीज अजीबोगरीब व्यवहार करता है। मामले से जुड़ा सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें दोनों ही महिलाएं अजीबोगरीब व्यवहार करती हुई नजर आ रही हैं। हालांकि, पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेने के बाद कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दे दिए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों ही मुस्लिम महिलाओं का उपचार चल रहा है। दोनों ही हैदराबाद में अपने बूढ़े माता-पिता के साथ रहती हैं। पुलिस ने दोनों को अस्पताल में भेज दिया है, जहां मेडिकल रिपोर्ट के साथ ही इन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। उधर, मामले की जानकारी लगते ही स्थानीय लोगों ने दोनों ही महिलाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लेकिन, अभी तक महिलाओं की मानसिक मनोदशा को ध्यान में रखते हुए पुलिस की तरफ से कोई अधिकृत प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन, माना जा रहा है कि आगामी दिनों में दोनों ही महिलाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अब ऐसी स्थिति में दोनों के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इसका सभी को इंतजार रहेगा। ध्यान रहे कि यह कोई इकलौता मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी इस तरह के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं, जब कुछ उन्मादी प्रवृत्ति के लोग मंदिरों में स्थापित मूर्तियों को क्षति पहुंचाने से भी गुरेज नहीं करते हैं। बहरहाल, बतौर पाठक आपका इस पूरे मसले पर क्या कुछ कहना है।

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