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Adani Group: अडानी-हिंडनबर्ग मामले में समिति ने SC कोर्ट को सौंपी, सवाल उठाने वाले विपक्षियों को लगा तगड़ा झटका

नई दिल्ली। जिस हिंडनबर्ग रिपोर्ट को मुद्दा बनाकर विपक्षियों ने संसद के दोनों में सदनों में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। जिस हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को मुद्दा बनाकर विपक्षियों ने मोदी सरकार से तीखे सवाल पूछे थे। जिस हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को विपक्षियों ने चुनावी मुद्दा बना दिया था। अब उसे लेकर बड़ी खबर सामने आई है और इस खबर के सामने आने के बाद अडानी उपक्रम के सर्वेसर्वा राहत की सांस ले रहे हैं। आइए, आगे आपको पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं।दरअसल, बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। समिति को यह जिम्मेदारी दी गई थी कि वो अडानी ग्रुप को लेकर जारी हुए हिंडनबर्ग रिपोर्ट की पड़ताल करें और अगर इस पड़ताल के दौरान अडानी ग्रुप की कार्यशैली में कोई विसंगितयां पाईं जाती हैं, तो उसके बारे में सूचित करें, ताकि आगामी दिनों में आवश्यक कार्रवाई की जा सकें। इसके लिए समिति को तीन माह का समय भी दिया गया था।

उधर, अब समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट आज सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है और आपको यह जानकर हैरानी होगा कि इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के संदर्भ में किसी भी प्रकार की विसंगति सामने नहीं है, जैसा कि गत दिनों विपक्षियों दलों की ओर से आरोप लगाए जा रहे थे। दरअसल, आपको एक बार फिर यह याद दिला देते हैं कि बीते दिनों हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि अडानी उपक्रम ने अपनी बदहाल आर्थिक स्थिति को छुपाने के लिए अपने शेयर के वास्तविक मूल्यों को निवेशकों से छुपाकर रखा था, ताकि निवेशक उनके उपक्रम में निवेश करने से गुरेज ना करें, लेकिन हिंडनबर्ग ने बाजार में जैसे ही यह रिपोर्ट जारी अडानी की कथित बदहाल आर्थिक स्थिति का खुलासा किया, तो निवेशकों के बीच हड़कंप मच गया और सभी ने अडानी उपक्रम में निवेश करने से अपने कदम पीछे खींच लिए, जिसका नतीजा हुआ कि अडानी ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर में तेज गिरावट आई।

हालांकि, बाद में हिंडनबर्ग द्वारा जारी किए गइ रिपोर्ट की विश्वनीयता पर सवाल उठाए गए। उधर, पूरे मसले को लेकर जमकर सियासी रोटियां भी सेंकी गईं। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। इसके बाद तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया। जिसने अब उक्त मामले की जांच संपन्न करने के बाद कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी है। उधर, सेबी ने भी मामले में अडानी ग्रुप की कोई भी खामी नहीं पाई है। अब इस पूरे मामले में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि इस पूरे मामले को लेकर विपक्षियों की तरफ से क्या प्रतिक्रिया सामने आती है।

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