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Congress: चौथे चरण के मतदान के बीच मे ही प्रियंका वाड्रा ने मानी हार, कहा “अगर विपक्ष मिलकर लड़ता तो…”

priyanka gandhi

नई दिल्ली। आप एक पाठक हैं। रोजाना न जाने कितनी ही खबरों से रूबरू होते रहते हैं और चुनावी मौसम में तो आपके जेहन की आतुरता भी चुनावी गतिविधियों को जानने के लिए अपने चरम पर पहुंच जाती है, लिहाजा हम भी अपने इन्हीं कर्तव्यों का पालन करते हुए आपको सियासी गलियारों से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबरों से रूबरू कराने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं और आपको तो पता ही होगा कि अभी उत्तर प्रदेश समेत देश के पांच सूबों में चुनावी नगाड़ा बज चुका है, तो इसी वजह से हमारे ऊपर भी जिम्मेदारियों का बोझ अपने शबाब पर है कि हम आपको हर खबरों से रूबरू कराने में कोई कसर नहीं छोड़े। इस बीच हम आपको कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से जुड़ी एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे परिचित होने के बाद अगर आपको राजनीति का ‘अ’ से अनार भी आता है, तो आप यह इकबाल करने से गुरेज नहीं करेंगे कि कांग्रेस ने चुनाव खत्म होने से पहले ही बीजेपी के समक्ष अपने घुटने टेक दिए हैं। कांग्रेस ने तो चुनाव खत्म होने से पहले ही हार मान ली है। आखिर इतनी भी क्या जल्द थी हार मानने की। कम से कम चुनाव तो हो जाने देते। अब आप इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि आखिर आप इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंच सकते हैं कि यूपी में चुनाव खत्म होने से पहले ही कांग्रेस ने हार मान ली है।

तो बतौर पत्रकार ऐसी विवेचना हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि प्रियंका गांधी वाड्रा ने चौथे चरण के चुनाव के बीच मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि पूरा विपक्ष एकजुट होकर लड़ता तो शायद इस चुनाव में हमें फायदा मिलता। अब आप सोच रहे होंगे कि उन्होंने यह कथन किस संदर्भ में कहा था। दरअसल, प्रियंका से यह सवाल किया गया था कि इस बार कांग्रेस ने विगत विधानसभा चुनाव की भांति सपा से तो कोई गठबंधन नहीं किया है, तो फिर क्या ऐसा माना लिया जाए कि आगामी दिनों में बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिए कांग्रेस किसी भी दल के साथ गठबंधन की नौका पर सवार हो सकती है? तो इस पर प्रियंका ने कहा कि, देखिए वैसे तो अभी पार्टी का किसी के भी साथ गठबंधन करने का कोई कार्यक्रम नहीं है। पार्टी सूबे की सभी 400 सीटों पर अकेले ही ताल ठोंक रही है, लेकिन अगर भविष्य में सपा या कोई पार्टी हमसे हाथ मिलाना चाहेगी, तो हम इसके लिए तैयार हैं, इससे हमें कोई गुरेज नहीं रहेगी।

इसके आगे उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रदेश में सभी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे होते, तो हमें फायदा जरूर पहुंचता है, जाहिर है कि उन्होंने अपने इस बयान से सभी दलों के अलग-थलग होने की बात कही है। इसके आगे प्रियंका ने कहा कि अब चाहे नतीजे जो भी रहे, हम यूपी छोड़कर जाने वाले नहीं हैं। हमने इस चुनाव में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। पार्टी की तरफ से जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने की कोशिश की गई है। हमने जनसरोकारों के मुद्दों को उठाने का काम किया है। हम बेकार की सियासी मसलों में नहीं फंसे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि आगामी दिनों में हमारा संगठन मजबूत होगा। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी ने यह बयान चौथे चरण के चुनाव के बीच जारी किए हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं, लेकिन बतौर पाठक आपका प्रियंका के उक्त बयान पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना मत भूलिएगा।

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