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Ajab Gazab News: देश के इस राज्य में हिंदू भी कर सकते हैं दो शादी, जानिए क्या है वजह?

Ajab Gazab News: कुछ कानूनों को बहस के बाद बदला जा चुका है लेकिन फिर भी ऐसे बहुत से कानून हैं जिन पर अभी बहस होनी बाकी है और कुछ बहस के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे ही कानूनों में से एक कानून है देश का सिविल कोड कानून। देश में इस कानून पर भी लगातार बहस जारी है।

नई दिल्ली। संविधान को बने कई वर्ष बीत चुके हैं और तब से लेकर अब तक समाज में कई परिवर्तन आ चुके हैं, लेकिन संविधान में अभी भी कई ऐसे कानून हैं जो पुरानी स्थिति के अनुसार ही हैं। ऐसे में कई लोगों को जरूरत से ज्यादा अधिकार मिल जाते हैं तो किसी कोई जरूरतमंद बस गुहार लगाता रह जाता है। हालांकि, कुछ कानूनों को बहस के बाद बदला जा चुका है लेकिन फिर भी ऐसे बहुत से कानून हैं जिन पर अभी बहस होनी बाकी है और कुछ बहस के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे ही कानूनों में से एक कानून है देश का सिविल कोड कानून। देश में इस कानून पर भी लगातार बहस जारी है। इसी बीच गोवा राज्य की भी चर्चा हो रही है। इसकी वजह ये है कि वहां पहले से सिविल कोड का कानून लागू है, जिसके तहत अब हिंदू पुरुष भी दो शादी कर सकते हैं। हालांकि, ये हिंदू मैरिज एक्ट से एकदम अलग है। गौरतलब है कि, वर्तमान हिंदू मैरिज एक्ट के तहत, कोई भी हिंदू व्यक्ति एक साथ एक से अधिक पत्नियां नहीं रख सकता है।

दूसरी शादी करने के लिए पहली पत्नी से तलाक लेना आवश्यक होगा, अन्यथा इसे अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा और ऐसा करने पर व्यक्ति को जेल भी जाना पड़ सकता है। अब आप सोच रहे होंगे कि गोवा भी देश का ही हिस्सा है तो वहां अलग कानून क्यों? दरअसल, साल 1880 में गोवा के सिविल कोड में तत्कालीन पुर्तगाली राजा के द्वारा एक संशोधन किया गया था, जिसके तहत गोवा के हिन्दू दो शादी कर सकते हैं। हालांकि इसके कुछ नियम और शर्तें भी रखीं गईं थीं। आइये जानते हैं क्या हैं वो शर्तें और नियम…

1.अगर किसी व्यक्ति की पत्नी को 25 सालों तक बच्चा नहीं हुआ हो या फिर शादी के 10 साल बाद तक बच्चा ना हो या फिर पहली पत्नी के गर्भवती ना हो पाने की स्थिति में वो दूसरी शादी कर सकता है।

2.दूसरी शादी करते समय पुरुष को पहली पत्नी से लिखित में अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही दूसरी शादी को कानूनी मान्यता दी जाएगी। एक रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कानून के तहत बीते कई सालों से कोई भी शादी नहीं हुई है।

3.ऐसा इसलिए है, क्योंकि गोवा में हर शादी का रजिस्ट्रेशन बहुत अनिवार्य है और पिछले कई सालों से इस कानून के तहत कोई रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। वहीं, इस कानून के विरूद्ध भी अभी तक कोई चुनौती नहीं दी गई है।

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