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Independence Day 2021: ‘तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो’ लाल किले की प्राचीर से PM मोदी ने सुनाई रोंगटे खड़े करने वाली कविता

आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कई बड़े नेताओं को याद किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ” भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी हों, देश को एकजुट राष्ट्र में बदलने वाले सरदार पटेल हों या भारत को भविष्य का रास्ता दिखाने वाले बाबासाहेब अम्बेडकर, देश ऐसे हर व्यक्तित्व को याद कर रहा है, देश इन सबका ऋणी है।” इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी साथ ही उन्होंने देश में फैले कोरोना के बीच लोगों की सेवा में जुटे डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी, वैकसीन बनाने में जुटे वैज्ञानिकों सेवा में जुटे नागरिकों सभी का धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन को खत्म करने से पहले एक जोश भरी कविता भी पड़ी। जिसे पढ़ते हुए उन्होंने कहा…
यही समय है, सही समय है,

भारत का अनमोल समय है.

असंख्य भुजाओं की शक्ति है,

हर तरफ़ देश की भक्ति है,

तुम उठो तिरंगा लहरा दो,

भारत के भाग्य को फहरा दो

यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है.

कुछ ऐसा नहीं जो कर ना सको,

कुछ ऐसा नहीं जो पा ना सको,

तुम उठ जाओ, तुम जुट जाओ,

सामर्थ्य को अपने पहचानो,

कर्तव्य को अपने सब जानो,

भारत का ये अनमोल समय है,

यही समय है, सही समय है.

इसके अलावा अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, नए स्टार्टअप, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण जैसे कई मुद्दों पर बातचीत की। इससे पहले पीएम मोदी ने अपने ट्वीट के माध्यम से लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘आप सभी को 75वें स्वतंत्रता स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत बधाई। आजादी के अमृत महोत्सव का यह वर्ष देशवासियों में नई ऊर्जा और नव चेतना का संचार करें। जय हिंद।

अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कई बड़े ऐलान भी किए उन्होंने कहा, “अब सरकार ने तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि “मैं आज एक खुशी देशवासियों के साथ साझा कर रहा हूं. मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वो भी सैनिक स्कूल में पढ़ाई करना चाहती हैं, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले जाएं. जिसके बाद मिजोरम के सैनिक स्कूल में दो-ढाई साल पहले पहली बार बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया गया था।”

संबोधन में देश के बंटवारे का जिक्र

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देश के बंटवारे का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘वह दर्द सीने को छलनी करता है।’ उन्होंने कहा कि, हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।

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